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तृतीयखण्ड
साधना के महापथ पर
साधक जीवन आर्यमुधर्मा की वाणी मेंभ० महावीर की साधकचर्या स्वावलम्बी महावीर
विदेहभाव अप्रतिबद्ध विहारा अभय को उत्कृष्ट साधना पर-दुःखकातर महावीर अहिंसा का अमृतयोग
क्षेमंकर महावीर लक्षण मुंह बोलते हैं
महान आश्रयदाता परम्परा का आदर अभूतपूर्व आत्मगुप्ति
अविचल ध्यानयोग
कप्टों की कमौटी पर गौशालक की रक्षा और रहस्यदान
अग्नि-परीक्षा फांसी के तख्ते पर करणाशील महावीर अनिमंत्रित भिक्षाचर चमरेन्द्र को शरणागति
घोर अभिग्रह झंझावातों के बीच कानों में कीलें
कैवल्यप्राप्ति गणित की भाषा में