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कर्म-सिवान्त: कर्मबंध का कारण स्वकृत-कर्म पाठ कर्म
आत्म-स्वरूप :
बात्म-बदा
बात्मा का स्वरूप
साधना-मान धर्म-तत्त्व : धर्म का स्वरूप और महिमा धर्म के प्रकार धर्म-साधना श्रमण का बादर्श अहिंसा सत्य अचार्य ब्रह्मचर्य अपरिग्रह अमणधर्म मिक्षाविधि बारह बनुप्रेक्षाएँ
विनय अनुशासन बात्मानुशासन मनोनिग्रह
बामाद
बात्म-विजय कवाय-विजय वापी-विवेक बयावृत्य (सेवा) मैतिकनियम