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_श्रमण सूक्त
श्रमण सूक्त
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दिवसस्स चउरो भागे
कुज्जा भिक्खू वियक्खणो। तओ उत्तरगुणे कुज्जा
दिणभागेसु चउसु वि।। पढम पोरिंसि सज्झाय
बीय झाण झियायई। तइयाए भिक्खायरिय पुणो चउत्थीए सज्झाय।।
(उत्त. २६ ११, १२)
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विचक्षण भिक्षु दिन के चार भाग करे। उन चारो भागो मे उत्तर-गुणों (स्वाध्याय आदि) की आराधना करे।
प्रथम प्रहर मे स्वाध्याय और दूसरे मे ध्यान करे, तीसरे मे भिक्षाचरी और चौथे मे पुन स्वाध्याय करे।
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