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श्रमण सूक्त
श्रमण सूक्त
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(३१६
खलुका जारिसा जोज्जा
दुस्सीसा वि हु तारिसा। जोइया धम्मजाणम्मि भज्जति धिइदुब्बला।।
(उत्त २७
८)
जुते हुए अयोग्य बैल जैसे वाहन को भग्न कर देते हैं, वैसे ही दुर्बल धृति वाले शिष्यो को धर्म-यान मे जोत दिया जाता है तो वे उसे भग्न कर डालते है।
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