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श्रमण सूक्त
६४ पडिग्गह सलिहित्ताण लेव - मायाए सजए ।
(द ५ (२) १ क. ख )
मुनि पात्र मे रहे लेप - मात्र को पोछकर सब खा ले ।
६५
दुगध वा सुगंध वा सव्व भुजे न छड्डए ।
(द ५ (२) १ ग, घ )
आहार दुर्गन्धयुक्त हो या सुगन्धयुक्त मुनि सब खा ले । जूठा न छोडे ।
६६
काले निक्खमे भिक्खू कालेण य पडिक्कमे ।
४००
(द ५ (२) ४ क, ख )
मुनि समय पर भिक्षा के लिए जाए और समय पर वापिस आ जाये ।