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४, २, ६, ७. ]
यणमहाहियारे वेयणकालविहाणे पदमीमांसा
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आगम
सव्वुक्करसवण्ण-गंध-रस- फासदव्वं । आदेसुक्करसं चउच्विहं - दव्वदो खेत्तदो कालदो भावदो चेदि । तत्थ दव्वदो एगपरमाणु दट्ठूण दुपदेसिओ खंधो आदेसुक्कस्सं । दुपदेसिय खं दट्ठूण तिपदेसियक्खंधो वि आदेसुक्कस्सं । एवं सेसेसु वि यव्वं । खेत्तद। एयक्खेत्तं दट्ठूण दोखेत्तपसा आदेसदो उवकस्सखेत्तं । एवं सेसेसु वि यव्वं । कालदो एगसमयं दट्ठूण दोसमय आदेसुक्कस्सं । एवं सेसेसु वि यव्वं । भावदो एगगुणजुत्तं दट्ठूण दुगुणजुत्तं दव्वमाद सुक्करसं । एवं सेसेसु वि यव्वं । भावुक्कस्सं दुहि णोआगमभावुक्कस्सएण । तत्थ उक्कस्सपाहुडजागओ उवजुत्तो आगमभावुक्कस्सं । णोआगमभावुक्कस्सं केवलणाणं । एत्थ ओघकालुक्करसण अहियारो । एत्थ कालदो ओघुक्कस्सं सव्वकालो नि भणिदं, तस्सेत्थ गहणं ण कायव्वं; कम्मद्विदीए तदसंभवादो । जहण्णपदे एगं सामित्तं अगमुक्कस्सपदे, एवं सामित्तं दुविदं चैव होदि; अण्णस्सासंभवादा | सामित्ते उकस्सपदे णाणावरणीयवेयणा कालदो उक्कस्सिया कस्स ? ॥ ७ ॥
उत्तरपदसि जहण्णादपडिसेहफलो | णाणावरणणिद्देसो सेसकम्मपडिसेहफलो ।
आदेशउत्कृष्ट द्रव्य, क्षेत्र, काल और भावकी अपेक्षा चार प्रकार है। उनमें एक परमाणु की अपेक्षा दो प्रदेशवाला स्कन्ध द्रव्यकी अपेक्षा आदेशउत्कृष्ट है । दो प्रदेशवाले स्वन्धकी अपेक्षा तीन प्रदेशवाला स्कन्ध भी द्रव्यसे आदेशउत्कृष्ट है । इसी प्रकार शेष प्रदेशोंक विषयमें ले जाना चाहिये। एक प्रदेश रूप क्षेत्रकी अपेक्षा दो क्षेत्र प्रदेश क्षेत्र से आदेशउत्कृष्ट हैं। इसी प्रकार शेष क्षेत्र प्रदेशों में भी ले जाना चाहिये । एक समयकी अपेक्षा दो समय परिणत द्रव्य कालसे आदेशउत्कृष्ट है । इसी प्रकार शेष समय में भी ले जाना चाहिये। एक गुण शुक्त द्रव्यकी अपेक्षा दो गुण युक्त द्रव्य भाव से आदेशउत्कृष्ट है । इसी प्रकार शेष गुणों में भी ले जाना चाहिये ।
भावत्कृष्ट आगमभावउत्कृष्ट और नोआगमभाव उत्कृष्टके भेदसे दो प्रकार है । उनमें उत्कृष्ट प्राका जानकार उपयोग युक्त जीव आगमभावउत्कृष्ट है । नोआगमभावउत्कृष्ट केवलज्ञान है । यहां मोघउत्कृष्ट कालका अधिकार है। यहां कालकी अपेक्षा ओघउत्कृष्ट सब काल कहा गया है, उसका यहां ग्रहण नहीं करना चाहिये, क्योंकि, कर्मस्थिति में उसकी सम्भावना नहीं है । एक स्वामित्व जघन्य पदमें और दूसरा एक उत्कृष्ट पदमें, इस प्रकार स्वामित्व दो प्रकार ही है; क्योंकि, इनके अतिरिक्त और दूसरे स्वामित्वकी सम्भावना नहीं है ।
स्वामित्व उत्कृष्ट पदमें ज्ञानावरणीयवेदना कालकी अपेक्षा उत्कृष्ट किसके होती है ? ॥ ७ ॥
सूत्र उत्कृष्ट पदका निर्देश जघन्य पदके प्रतिषेधके लिये किया गया है । ज्ञानावरण पदका निर्देश शेष कमांके प्रतिषधके लिये है । कालका निर्देश क्षेत्र आदिका
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