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४, २, ६, ५०.] वेयणमहाहियारे वेयणकालविहाणे ठिदिबंधट्ठाणपरूवणा [१६७ आबाहा विसेसाहिआ । उक्कस्सिया आबाहा बिसेसाहिआ । मोहणीयस्स जहणिया आबाहा संखेजगुणा । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । आउअस्स आबाधाहाणविसेसो संखेजगुणो । आबाधाहाणाणि एगरूवेण विसेसाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया ।
बेइंदिअपजत्तयस्स सव्वत्योवो णामा-गोदाणमाबाधाहाणविसेसो । आबाधाहाणाणि एगवेण विसेसाहियाणि । चदुण्णं कम्माणमाबाधाहाणविसेसो विसेसाहिओ। आबाहाहाणाणि एगरूवेण विसेसाहियाणि । मोहणीयस्स आबाधाहाणविसेसो संखेजगुणो। आबाहाहाणाणि एगवेण विसेसाहियाणि । आउअस्स जहणिया आबाहा संखेजगुणा । आबाहाहाणविसेसो संखेजगुणो। आबाहाहाणाणि एगवेण विसेसाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । णामा-गोदाणं जहणिया आबाहा संखेजगुणा । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । चदुण्णं कम्माणं जहणिया आबाहाँ विसेसाहिया । उवकस्सिया आबाहा विसेसाहिया। मोहणीयस्य जहणिया आबाहा संखेजगुणा । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । एवं तेइंदिय-चउरिंदिय-असण्णिपंचिंदियअपजत्ताणं पि णेदव्वं ।
__ सव्वत्थोवो बेइंदियपजत्तयस्स णामा-गोदाणं आबाहाहाणविसेसो। आबाधाहाणाणि एगरूवेण विसेसाहियाणि । चदुण्णं कम्माणमाबाधाहाणविसेसो विसेसाहिओ। आबाधाहाणाणि एगरूवेण विसेसाहियाणि । मोहणीयस्स आबाधाहाणविसेसो संखेजगुणो । आबाधा विशेष अधिक है । मोहनीयकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है । उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। आयुका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है।
द्वीन्द्रिय अपर्याप्तकके नाम व गोत्रका आबाधास्थानविशेष सबसे स्तोक है। आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । चार काँका आवाधास्थानविशेष विशेष अधिक है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । मोहनीयका आसधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। आयुकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है । आबाधास्थान विशेष संख्यातगुणा है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। नाम व गोत्रकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है । उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है। चार काँकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है । उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है। मोहनीयकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है। उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। इसी प्रकार श्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय और असंशी पंचेन्द्रिय अपर्याप्तकके भी ले जाना चाहिये।
द्वीन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रका आवाधास्थानविशेष सबसे स्तोक है। आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। चार कर्मोंका आवाधास्थानविशेष विशेष अधिक है। आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । मोहनीयका आबाधास्थान
१ ताप्रती 'कम्माणं आवाहा' इति पाठः। ..
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