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१९२] छक्खंडागमे वेयणाखंड
[४, २, ६,५०.. विसेसाहिओ । आबाहाहाणाणि एगख्वाहियाणि । मोहणीयस्स आषाहाहाणविसेसो संखेजगुणो । आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । चउरिंदियअपजत्तयस्स णामा-गोदाणमाबाहहाणविसेसो संखेजगुणो । आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । चदुण्णं कम्माणमाबाहाहाणविसेसो विसेसाहिओ। आबाहाहाणाणि एगख्वाहियाणि । मोहणीयस्स आबाहहाणविसेसो संखेजगुणो। आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । तस्सेव पज्जत्तयस्स णामा-गोदाणमाबाहहाणविसेसो संखेजगुणो । आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । चदुण्णं कम्माणमाबाहट्ठाणविसेसो विसेसाहिओ। आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । मोहणीयस्स आबाहाहाणविसेसो संखेजगुणो । आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । असग्णिपंचिंदियअपजत्तयस्स णामागोदाणमाबाहहाणविसेसो संखेजगुणो । आबाहाहाणाणि एगख्वाहियाणि । चदुण्णं कम्माणमाबाहट्ठाणविसेसो विसेसाहिओ। आबाहट्ठाणाणि एगख्वाहियाणि । मोहणीयस्स आबाहट्ठाणविसेसो संखेजगुणो। आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । तस्सेव पजत्तयस्स णामा-गोदाणमाबाहट्ठाणविसेसो संखेजगुणो । आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । चदुण्णं कम्माणमाबाहाहाणविसेसो विसेसाहिओ। आबाहाट्ठाणाणि एगरूवाहियाणि । मोहणीयस्स आबाहट्ठाणविसेसो संखेजगुणो । आबाहाहाणाणि एगवाहियाणि । चोद्दसणं जीवसमासाणमाउअस्स जहणिया आबाहा संखेजगुणा । जहण्णओ हिदिबंधो संखेजगुणो ।
अधिक है। आबाधास्थान एक रूपसे अधिक हैं। मोहनीयका आवाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। चतुरिन्द्रिय अपर्याप्तकके नाम व गोत्रका आवाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । चार काँका आवाधास्थानविशेष विशेष अधिक है। आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। मोहनीयका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है। आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उसीके पर्याप्तकके नाम व गोत्रका आषाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है। आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। चार कर्मोंका आशधास्थानविशेष विशेष अधिक है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। मोहनीयका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है। आबाधा. स्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । असंही पंचेन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। चार कौका आबाधास्थानविशेष विशेष अधिक है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। मोहनीयका आबाधास्थान संख्यातगुणा है। आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उसीके पर्याप्तक के नाम व गोत्रका आवाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । चार काँका आबाधास्थानविशेष विशेष अधिक है। आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। मोहनीयका भावाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है। आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। चौदह जीवसमासोंके आयुकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है। जघन्य स्थितिबन्ध
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