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४, २, ६, १६४.] वेयणमहाहियारे वेयणकालविहाणे अप्याबहुअपरूवणा [२८५ हिदिबंधो संखेजगुणो। णामा-गोदाणं जहणिया आबाहा संखेनगुणा । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया। चदुण्णं कम्माणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । मोहणीयस्स जहणिया आबाहा संखेजगुणा । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । आउअस्स आबाहाहाणाणि संखेज्जगुणाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव आउअस्स हिदिबंधट्ठाणाणि संखेजगुणाणि । उक्कस्सओ हिदिबंधो विसेसाहिओ। णामा-गोदाणं णाणापदेसगुहाणिहाणंतराणि असंखेजगुणाणि । सेसपदाणमसण्णिपंचिंदियअपजत्तभंगो।
. एदसिं चेव अपजत्ताणं असण्णिपंचिंदियअपजत्तभंगो । बादरेइंदियपजत्तएसु णामागोदाणमाबाहट्ठाणाणि आबाहाकंदयाणि च दो वि तुलाणि थोवाणि । चदुण्णं कम्माणमाबाहट्ठाणाणि आबाहाकंदयाणि च दो वि तुल्लाणि विसेसाहियाणि। मोहणीयस्स आबाहाहाणाणि आबाहाकंदयाणि च दो वि तुल्लाणि संखेजगुणाणि । आउअस्स जहणिया आबाहा संखेजगुणा । जहण्णओ हिदिबंधो संखेजगुणो । णामा-गोदाणं जहणिया आबाहा संखेजगुणा । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । चदुण्णं कम्माणं जहण्णिया आबाहा विसेसाहिया । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । मोहणीयस्स जहणिया आबाहा संखेजगुणा । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । आउअस्स आबाहाहाणाणि संखेजगुणाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव आउअस्स हिदिबंधट्ठाणाणि स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है। नाम व गोत्रकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है । उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । चार कौंकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है। उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। मोहनीयकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है । उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । आयुके आबाधास्थान संख्यातगुणे हैं । उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। उसीके आयुके स्थितिबन्धस्थान संख्यातगुणे हैं । उत्कृष्ट स्थितिबन्ध विशेष अधिक है । नाम गोत्रके नानाप्रदेशगुणहानिस्थानान्तर असंख्यातगुणे हैं। शेष पदोंकी प्ररूपणा असंही पंचेन्द्रिय अपर्याप्तकोंके समान है।
इन्हीं द्वीन्द्रिय, श्रीन्द्रिय और चतुरिन्द्रिय अपर्याप्तक जीवोंकी प्ररूपणा असंशी पंचेन्द्रिय अपर्याप्तकोंके समान है । बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तक जीवों में नाम-गोत्रके आबाधा स्थान और आवाधाकाण्डक दोनों ही तुल्य व स्तोक हैं । चार कर्मोंके आवाधास्थान और आबाधाकाण्डक दोनों ही तुल्य विशेष अधिक हैं । मोहनीयके आवाधास्थान और आवाधाकाण्डक दोनों ही तुल्य संख्यातगुणे हैं । आयुकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है। जघन्य स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है। नाम-गोत्रकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है। उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। चार कर्मोकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है। उत्कृष्ट आषाधा विशेष अधिक है । मोहनीयकी जघन्य आवाधा संख्यातगुणी है। उत्कृष्ट
आबाधा विशेष अधिक है । आयुके आबाधास्थान संख्यातगुणे हैं । उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है। उसीके आयुके स्थितिबन्धस्थान संख्यातगुणे हैं । उत्कृष्ट स्थितिबन्ध
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