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१९०] छक्खंडागमे वेयणाखंड
[४, २, ६, ५०. संखेजगुणो । चदुण्णं कम्माणं जहण्णओ हिदिबंधो विसेसाहिओ । मोहणीयस्स जहण्णओ हिदिबंधो संखेजगुणो । णामा-गोदाणं द्विदिबंधट्टाणविसेसो संखेजगुणो । हिदिबंधहाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सओ हिदिबंधो विसेसाहिओ। चदुण्णं कम्माणं द्विदिबंधट्टाणविसेसो विससाहिओ । हिदिबंधट्ठाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सओ हिदिबंधो विसेसाहिओ । मोहणीयस्स हिदिबंधट्ठाणविसेसो संखेजगुणो । हिदिबंधट्ठाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सओ हिदिबंधो विसेसाहिओ । एवं सत्थाणप्पाबहुगं समत्तं ।
परत्याणे पयदं-सव्वत्थोवो सुहुमेइंदियअपजत्तयस्स णामा-गोदाणमात्राहट्ठाणविसेसो । आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । चदुण्णं कम्माणमाबाहाहाणविसेसो विसेसाहिओ । आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । मोहणीयस्स आबाहाहाणविसेसो संखेज्जगुणो । आबाहाहाणाणि एगवाहियाणि । बादरेइंदियअपजत्तयस्स गामा-गोदाणमाबाहहाणविसेसो संखेजगुणो । आबाहट्ठाणाणि एगवाहियाणि । चदुण्णं कम्माणमाबाहहाणविसेसो विसेसाहिओ। आबाहहाणाणि एगख्वाहियाणि । मोहणीयस्स आबाहट्ठाणविसेसो संखेज्जगुणो । आबाहट्टाणाणि एगरूवाहियाणि । सुहुमेइंदियपजत्तयस्स णामा-गोदाणमाबाहहाणविसेसो संखेज्जगुणो। आबाहाहाणाणि एंगरूवाहियाणि । चदुण्णं कम्माणमाबाहवाणविसेसो विसेसाहिओ। आबाहाहाणाणि एगवाहियाणि । मोहणीयस्स
संख्यातगुणा है । चार कर्मोंका जघन्य स्थितिबन्ध विशेष अधिक है । मोहनीयका जघन्य स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है। नाम व गोत्रका स्थितिबन्धस्थानविशेष संख्यातगुणा है। स्थितिबन्धस्थान एक रूपसे अधिक हैं। उत्कृष्ट स्थितिबन्ध विशेष अधिक है । चार कौंका स्थितिबन्धस्थानविशेष विशेष अधिक है । स्थितिबन्धस्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उत्कृष्ट स्थितिबन्ध विशेष अधिक है। मोहनीयका स्थितिबन्धस्थानविशेष संख्यातगुणा है । स्थितिबन्धस्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उत्कृष्ट स्थितिबन्ध विशेष अधिक है। इस प्रकार स्वस्थान अल्पबहुत्व समाप्त हुआ। __अब परस्थान अल्पबहुत्वका प्रकरण है- सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके नाम व गोत्रका आबाधास्थानविशेष सबसे स्तोक है। आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। चार कर्मीका आवाधास्थानविशेष विशेष अधिक है। आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । मोहनीयका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । चतुरिन्द्रिय अपर्याप्तकके नाम व गोत्रका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । चार कर्मोंका आबाधास्थान. विशेष विशेष अधिक है । आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक है । मोहनीयका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तककके नाम व गोत्रका आवाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। चार कर्मोंका आवाधास्थानविशेष विशेष भधिक है। आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । मोहनीयका. आवाधास्थानविशेष
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