Book Title: Shatkhandagama Pustak 11
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Balchandra Shastri, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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४, २, ६, ५०.] वेयणमहाहियारे वेयणकालविहाणे ठिदिबंधट्ठाणपरूवणा [ १८९ असंखेजगुणो । चदुण्णं कम्माणं जहण्णओ हिदिबंधो विसेसाहिओ। मोहणीयस्स जहण्णओ द्विदिबंधो संखेजगुणो । णामा-गोदाणं हिदिबंधट्ठाणविसेसो संखेजगुणो । हिदिबंधट्टाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सओ हिदिबंधो विसेसाहिओ। चदुण्णं कम्माणं डिदिबंधट्टाणविसेसो विसेसाहिओ । टिदिबंधट्ठाणाणि एगहवेण विसेसाहियाणि । उक्कस्सओ हिदिबंधो विसेसाहिओ । मोहणीयस्स ट्ठिदिबंधट्ठाणविसेसो संखेजगुणो । हिदिबंधठ्ठाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सओ हिदिबंधो विसेसाहिओ।
सव्वत्थोवा सण्णिपंचिंदियपज्जत्तयस्स आउअस्स जहणिया आबाहा । तस्सेव जहण्णओ हिदिबंधो संखेजगुणो । णामा-गोदाणं जहणिया आबाहा संखेजगुणा। चदुण्णं कम्माणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । मोहणीयस्स जहणिया आबाहा संखेजगुणा । णामा-गोदाणमाबाहट्ठाणविसेसो संखेजगुणो। आबाहाहाणाणि एगख्वाहियाणि। उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । चदुण्णं कम्माणमाबाहट्ठाणविसेसो विसेसाहिओ। आबाहाहाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । मोहणीयस्स आबाहाहाणविसेसो संखेजगुणो । आबाहाहाणाणि एगरूवेण विसेसाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । आउअस्स आबाहाहाणविसेसो संखेजगुणो । आबाहट्ठाणाणि एगरूवाहियाणि । उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । हिदिबंधहाणविसेसो असंखेजगुणो । हिदिबंधटाणाणि एगवाहियाणि । उक्कस्सओ हिदिबंधो विसेसा हिओ। णामा-गोदाणं जहण्णओ हिदिबंधो है। चार कर्मोंका जघन्य स्थितिबन्ध विशेष अधिक है । मोहनीयका जघन्य स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है। नाम व गोत्रका थितिबन्धस्थानविशेष संख्यातगुणा है। स्थितिबाधस्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उत्कृष्ट स्थितिबन्ध विशेष अधिक है । चार कर्मोंका स्थितिबन्धस्थानविशेष विशेष अधिक है । स्थितिबन्धंस्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उत्कृष्ट स्थितिबन्ध विशेष अधिक हैं । मोहनीयका स्थितिबन्धस्थानविशेष संख्यातगुणा है। स्थितिबन्धस्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उत्कृष्ट स्थितिबन्ध विशेष अधिक है।
संशी पंचेन्द्रिय पर्याप्तकके आयुकी जघन्य आबाधा सबसे स्तोक है। उसीका जघन्य स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है। नाम व गोत्रकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है। चार काँकी जघन्य आबाधा.विशेष अधिक है । मोहनीपकी जघन्य आबाधा संख्याता. गुणी है । नाम व गोत्रका आवाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आ.बाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। चार कर्माका आबाधास्थानविशेष विशेष अधिक है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। मोहनीयका आवाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है । आबाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। आयुका आबाधास्थानविशेष संख्यातगुणा है। आवाधास्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उत्कृष्ट आवाधा विशेष
है। स्थितिबन्धस्थानविशेष असंख्यातगुणा है। स्थितिबन्धस्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उस्कृष्ट स्थितिबन्ध विशेष अधिक है। नाम व गोत्रका जघन्य स्थितिबन्ध
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