Book Title: Shatkhandagama Pustak 11
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Balchandra Shastri, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
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४, २, ६, ५०.] वेयणमहाहियारे वेयणकालविहाणे ठिदिबंधट्ठाणपरूवणा [१७५ आबाहा विसेसाहिया । चउरिंदियपज्जत्तयस्म णामा-गोदाणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव अपज्जत्तयस्स णामा-गोदाणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव अपज्जत्तयस्स णामा-गोदाणमुक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव पज्जत्तयस्स णामागोदाणमुक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया। चउरिदियपज्जत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव अपज्जत्तयस्य चदुण्णं कम्माणं जहणिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव अपज्जत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव पज्जत्तयस्स चदुण्णं कम्माणमुक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । तेइंदियपज्जत्तयस्स मोहणीयस्स जहणिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव अपज्जत्तयस्स मोहणीयस्स जहणिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव अपज्जत्तयस्स मोहणीयस्य उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव पज्जत्तयस्स मोहणीयस्स उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । चउरिंदियपज्जत्तयस्स मोहणीयस्स जहणिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव अपज्जत्तयस्स मोहणीयस्स जहणिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव अपज्जत्तयस्स मोहणीयस्स उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया। तस्सेव पज्जत्तयस्स मोहणीयस्स उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । असण्णिपंचिंदियपज्जत्तयस्स णामा-गोदाणं जहणियां आबाहा संखेज्जगुणा । तस्सेव अपज्जत्तयस्स णामागोदाणं जहण्णिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव अपज्जत्तयस्स णामा-गोदाणं उक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया । तस्सेव पज्जत्तयस्स णामा-गोदाणमुक्कस्सिया आबाहा विसेसाहिया।
पर्याप्तकके नाम व गोत्रकी जघन्य आवाधा विशेष अधिक है। उसीके अपर्याप्तकके नाम व गोत्रकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है । उसीके अपर्याप्तकके नाम व गोत्रकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । उसीके पर्याप्तकके नाम व गोत्रकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। चतुरिन्द्रिय पर्याप्तकके चार कर्मोकी जघन्य आशधा विशेष अधिक है। उसीके अपर्याप्तकके चार कर्मोंकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है । उसीके अपर्याप्तकके चार कर्मोंकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है । उसीके पर्याप्तकके चार कर्मोंकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। त्रीन्द्रिय पर्याप्तकके मोहनीयकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है। उसीके अपर्याप्तकके मोहनीयकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है। उसीके अपर्याप्तकके मोहनीयकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। उसीके पर्याप्तकके मोहनीयकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। चतुरिन्द्रिय पर्याप्तकके मोहनीयकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है । उसीके अपर्याप्तकके मोहनीयकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है।
पर्याप्तकके मोहनीयकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। उसीके पर्याप्तकके मोहनीयकी उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है। असंशी पंचेन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रकी जघन्य आबाधा संख्यातगुणी है। उसीके अपर्याप्तकके नाम व गोत्रकी जघन्य आबाधा विशेष अधिक है। उसीके अपर्याप्तकके नाम व गोत्रकी उत्कृष्ट आबाधा विशेष अधिक है। उसीके पर्याप्तकके नाम व गोत्रकी उत्कृष्ट आवाधा विशेष अधिक है। असंक्षी
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