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४, २, ६, ५०.] वेयणयहाहियारे वेयणकालविहाणे ठिदिबंधट्ठाणारूवणा [१५७ एगरूवेण विसेसाहियाणि । तस्सेव चदुण्णं कम्माणं द्विदिबंधट्ठाणविसेसो विसेसाहिओ। हिदिबंधट्ठाणाणि एगस्वेण विसेसाहियाणि । तस्सेव मोहणीयस्य हिदिबंधट्ठाणविसेसो संखेजगुणो । हिदिबंधहाणाणि एंगरूवेण विसेसाहियाणि । तस्सेव पजत्तयस्स णामा-गोदाणं हिदिबंधहाणविसेसो संखेजगुणो। हिदिबंधट्ठाणाणि एगरूवेण विसेसाहियाणि । तस्सेव चदुण्णं कम्माणं हिदिबंधट्ठाणविसेसो विसेसाहिओ । हिदिबंधट्ठाणाणि एगरूवेण विसेसाहियाणि । तस्सेव मोहणीयस्स हिदिबंधहाणविसेसो संखेजगुणो । हिदिबंधहाणाणि एगरूवेण विसेसाहियाणि । बादरेइंदियपज्जत्तयस्स णामा-गोदाणं जहण्णओ हिदिबंधो संखेजगुणो । सुहुमएइंदियपज्जत्तयस्स णामा-गोदाणं जहण्णओ हिदिबंधो विसेसाहिओ। बादरएइंदियअपज्जत्तयस्य णामा-गोदाणं जहण्णओ हिदिबंधो विसेसाहिओ। सुहुमेइंदियअपज्जत्तयस्स णामा-गोदाणं जहण्णओ हिदिबंधो विसेसाहिओ। तस्सेव अपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ हिदिबंधो विसेसाहिओ। बादरएइंदियअपज्जत्तयस्स उक्कस्सओ हिदिबंधो विसेसाहिओ। सुहुमेइंदियपजत्तयस्य णामा-गोदाणं उक्कस्सओ हिदिबंधो विसेसाहिओ। बादरएइंदियपज्जत्तयस्स णामा-गोदाणं उक्कस्सओ हिदिबंधो विसेसाहिओ। बादरएइंदियपज्जत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं जहण्णओ हिदिबंधो विसेसाहिओ । सुहुमेइंदियपजत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं जहण्णओ हिदिबंधो विसेसाहिओ। बादरेइंदियअपजत्तयस्य चदुण्णं कम्माणं जहण्णओ हिदिबंधो विसेसाहिओ । सुहुमेइंदियअपज्जत्तयस्स चदुण्णं कम्माणं जहण्णओ हिदिबंधो
स्थितिबन्धस्थानविशेष विशेष अधिक है। स्थितिबन्धस्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उसीके मोहनीयका स्थितिबन्धस्थानविशेष संख्यातगुणा है। स्थितिबन्धस्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । उसीके पर्याप्तकके नाम व गोत्र कर्मका स्थितिबन्धस्थानविशेष संख्यातगुणा है । स्थितिबन्धस्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उसीके चार कर्मोका स्थितिबन्धस्थानविशेष विशेष अधिक है। स्थितिबन्धस्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं। उसीके मोहनीयका स्थितिबन्धस्थानविशेष संख्यातगणा है। स्थितिबन्धस्थान एक रूपसे विशेष अधिक हैं । बादर पकेन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रका जघन्य स्थितिबन्ध संख्यातगुणा है । सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रका जघन्य स्थितिबन्ध विशेष अधिक है । बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके नाम व गोत्रका जघन्य स्थितिबन्ध विशेष अधिक है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके नाम व गोत्रका जघन्य स्थितिबन्ध विशेष अधिक है । उसीके अपर्याप्तकके उन दोनों कर्मोका उत्कृष्ट स्थितिबन्ध विशेष अधिक है। बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तकका उत्कृष्ट स्थितिबन्ध विशेष अधिक है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रका उत्कृष्ट स्थितिबन्ध विशेष अधिक है। बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकके नाम व गोत्रका उत्कृष्ट स्थितिबन्ध विशेष अधिक है । बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकके चार कर्मोंका जघन्य स्थितिबन्ध विशेष अधिक है । सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तकके चार कौका जघन्य स्थितिबन्ध विशेष अधिक है। बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके चार काँका जघन्य स्थितिवन्ध विशेष अधिक है । सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तकके चार काँका
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