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कुलथी काज स्यूं । मुजने गुणथी काम ॥ जो एहवा करथी गया। फिर दुर्लभ्य ए नाम ॥ ४ ॥ इम निश्चय मनमें कियो । गुणानुरागी होय । कर जोडी मधुरेश्वरे ॥ | पभणे सुणजो सोय ॥ ५ ॥ ढाल || १३ मी ॥ हूं तुज आगल सीं कहूं कनैया ॥ यह० ॥ कर जोडी विनंती करूं ॥ बालेश्वर । लुली २: करूं अरदास हो । केसरिया बाल ॥ निष्ठुर वचन इम उच्चरी ॥ बालेश्वर || नहीं कीजे निरास हो । केसरिया लाल ॥ १ ॥ अबलानी अर्ज अवधारिये ॥ बालेश्वर ॥ आं ॥ मुजने तुमचो आधार हो । केसरी ॥ धन सुख राज मैं नहीं चहूं || बाले ॥ हूं गुणीने इच्छनारहो ॥ के || अब ॥ २ ॥ यथा | जोग जोडी मिली || बाले || धैर्यकिम घरे मनहो । के ॥ पुनरपि ते किम पामिये ॥ बाले ॥ परदेशी नो वतन हो । के ॥ आ ॥ ३ ॥ जाती कुलगुण थी लह्यो । बाले || पूछवा नो नहीं काम हो । के ॥ हूं लो भाणी गुण देखने || बाले || अबर नहीं मुज हाम हो ॥ केस ॥ || अब ॥ ४ ॥ कहे सो सो करस्यूं सही ॥ बाले ॥ यथाशक्ति मैं काज हो ॥ केस ॥ काम | थी सुस्ती ना रहे || बाले ॥ ते मांहे किसी लाज हो ॥ केस || अब ॥ ५ ॥ अण विचार्यो जे करे || बाले || ते पाछे पछताय हो ॥ केस ॥ हूं तो परीक्षा कर ग्रहूं ॥ बाले || चिंतामणी जाणी पाय हो | केस || अब ||६|| हूं गुण जोई आपका || वाले || निश्चय कर्यो मन माय हो | केस || बीजो नर वांछू नहीं || बाले || जाणुं तातने भाय हो ॥ केस || अब ॥ ७ ॥