Book Title: Madan Shreshthi Charitra
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Sukhlal Dagduram Vakhari

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Page 282
________________ शाह सांभल्यो । सामे आवे राज । स्वजन परजन परिवर्या । मिलवा उत्सुक आज || १॥ हर्षाया घणा मनमें । कियो परिवार तैयार ॥ भारी लियो भेटणो । चउ पुत्र संग ते वार ॥२॥ आयी बैठा मार्गे । जोता सहकी बाट ॥ तेतले जन आवा तणो । सांभलियो | घोंघाट ॥ ३ ॥ गज गाजी गण गम मिल्या । आवे शीन चलाय ॥ नेडा आया देखने ।। वसुपति उभा थाय ॥ ४ ॥ बहू मौल्यो सज भेटणो। बह तो साज सजाय ॥ मिलवाभ - सजन राजने । अतिही मन उमंगाय ॥ ५॥ ॥ ढाल ११ मी ॥ महारे आज आणंदानो | दिन छे जी ॥ यह ॥ आज आनंद दिन सेठ आविया जी। सह सज्जनके मन भाविया में || जी ॥ ॥ सेठ सपरिवार उभा जोयने जी ॥ फाज उर १॥सामा आया भूप पांयां चरीजी । सेठ सामा आया हर्षे भरी जी ।। आ ॥२॥ लुलीम X| २ नम्या सेठ परिवार थी जी । राय खुशी किया घणां सत्कार थी जी ॥ आ ॥ ३ ॥ सेठ नजराणो सामो कियो जी । राजेश्वर हर्षी लियो जी ॥ आ ॥४॥ सहविध लायक तुम | | सेठछो जी । किसी वस्तु हम पास करां भेट जो जी ॥ आ ॥५॥राज्प मान्य राजेश्री में तुम मिल्या जी ॥ तुम दीठा पूण्य म्हाणा फल्या जी । आ॥ ६॥ प्रधानादिक आइ नम्या : * जी । यथायोग्य फिया सहूना गम्या जी ॥ आ ।। ७॥ राय वसुपति एक गजारूढ भया जी । चउ भाइ दूजे दंती साभी रयाजी ॥ आ॥ ८॥ सह शैन्य साथ बाजिंत्र बाजिया

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