________________
२ पृथवीपर
परिवारे आया । नयर ते शून्य देखाया ॥ आपने जोया पण नहीं पाया | तब मन वैम भराया हो ॥ व ॥म ॥ ओलंभो अतिदीधो पिता जी । किम तस एकला छोड्या ॥ पुण्य | पसये इहां आया था। मिलिया नाता तोड्या हो ॥ व ॥ म ॥ ४॥ ते हिवे किम आपने कर | आवे । कुण ए नगर पसावे ॥ निरास वचन भूप उचारे । सह हम दोष जणावे हो ॥ व ॥ म॥५॥ तब हम कह्यो कछ फिकर न कीजे । हमने दोष न दीज ॥ वयण विश्वासे हम ठगाया। हिवे विचारी कीजे हो। व ॥ म॥६॥ ते पुण्यवंत मार्या नहीं जावे । कही प्रदेश सिधावे ॥ होसी कहीं मही मंडने ऊपर । ढूंढ्या थी क्यों नहीं पावे हो॥ व ॥ म ॥७॥ हम दोनों तस जोबाने जास्यां । जरूर पत्तो लगास्यां ॥ थोडा कालमें लेइने आस्या । तबहीज हम स्थिर थांस्या हो ॥ व ॥ म ॥ ८ ॥ इशो बचन देह हम निकल्या । एक मांस तो गलि या ॥ आज हमारा सुभाग्य जोगे । अचिंत्य आप इहां मिलियारे ॥ व ॥ म ॥ ९॥ निरास | होइ घरजाता था । इण नगरी में आया ॥ नीचे जोतां आप दिखाया। अतिही आणंद
पाया हो ॥ या ॥ म ॥ १० ॥ सफल मेहनत मुख उज्वल आजे । आप हमारा कीधा। *सर्व काज थया औरभी थासी। आप जोया सहू सिद्वा हो ॥ व ॥ म ॥ ११ ॥ ओलंभो किस्यो आपने दीजे । सहू प्रत्यक्ष दिखावे ॥ आप जैसाने इसो नहीं छाजे । आश्चर्य हम मन आवे हो ॥ ६ ॥ म ॥१२॥ दारद्रीने चिंतामणी पेरे । आप हमारे कर आया ॥ भूल