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विमान
निज स्थानके । हम करस्या युक्तो काम || भ ॥ ९ ॥ जो अबी आवस्ये देवता । तुमने जोइ इण ठाम ॥ वैर भाव संभालने ते । रखे करे निकाम ॥ भ ॥ १० ॥ दोनों कहे नरमायनेजी | करां हुकम प्रमाण || पण पहली पर न हुवे । हम देवा जीवरी आंण ॥ भ ॥ ११ ॥ आसरो एक छे आपकोजी । हिवे नहीं कीजे निरास ॥ हम जाइ सहू साथमांजी । बधाइ करां प्राकाश ॥ भ || १२ || मदन कहे निश्चय करोजी । हमसे अजोंग न होय । परवशकी कहणी नहीं । कल आइ लीजो जोय ॥ भ ॥ १३ ॥ इम सुणी चरणे नमी ते । | हुई यान असवार || आया वन वस्ती विषे । तस जोया सहु परिवार ॥ भ ॥ १४ ॥ चरण नाते रायना । सहू दोडी आया पास ॥ मदन मिल्या किहां अछे । हम पूछे रायजी तास | ॥ भ ॥ १५ ॥ ते कहे धैर्य धारिये । सहू शुभ होवे पुण्य पसाय || बहू चौकसथी ढूंढता । आज गया मदनजी पाय ॥ भ ॥ १६ ॥ लाया विमाणे बैठायने । मेल्या आनंदपुर मांय ॥ बचन ते पक्को आपियो । त बिन मिल्या नहीं जाय ॥ भ ॥ १७ ॥ पास नहीं हमने रख्याजी | दाख्यो असुरको डर । राते करवा जोगो करस्युं । इम कह्यो कर घर ॥ भ ॥ १८ ॥ दो जणा और संग थाजी। सूर वीर गुण धाम ॥ जाणा छां राते धसे जी । आपणो इच्छित काम ॥ भ ॥ १९ ॥ प्राते सहु मिल चालस्यां जी । धैर्य घरो चउ प्रहर ॥ इम संतोषी राखिया जी । इच्छित सहु तस खेर ॥ भ ॥ २० ॥ निमिती वयण प्रमाणथीजी ।
खण्ड ५
१ सोगन
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