________________ ( 65 ) दुगुनी क्या चौगुनी से अधिक कर दी। १२-वह बहती नदी में कूद पड़ा पोर डूबते बच्चे को बाहर निकाल लाया। १३-पिता अपने इकलौते पुत्र की हत्या का समाचार सुन कर हका बक्का रह गया और लम्बी चिन्ता में पड़ गया। 14- उसने चित्र "उलटा लटका दिया। संकेत–१ कुमार्या मोहिन्या गीतेरवसाने संनिहिता जना भूयोपीति साम्रेडमाचक्षत / ५-उत्प्लवमानो मृगः क्षेत्रस्य पारं निरगच्छत् (निर्ययो)। ६-प्रस्खलन्नसौ ग्राव्णोऽवमूर्धाऽधोऽपतत् (अभ्रश्यत् ) मङ्गभङ्ग चाध्यगच्छत् / अवनतो मूर्धाऽस्येत्यवमूर्षा / ८-विहङ्गमो विहायस्येवमुच्चेरुदडयत यत्प्रत्यक्षमीक्ष्यमाणोऽपि परोक्षोऽभवत् / १०–नारङ्गाणि दृष्ट्वैव स तेषु भशमलुभ्यत् (तस्य दन्तोदकसंप्लवोऽभूत् ) / अभ्यास-१६ (लुट् लकार) १-मैं जाता हूँ और बच्चे को खोजता हूँ। २–यदि गुरुजी पब मा जायें तो ( हम प्राशा करते हैं कि ) हम ध्यान लगाकर पढ़ लेंगे। ३-मुझे विश्वास है वह तुम्हारी पूरी सहायता करेगा। ४-उसके घर पुत्र जन्मेगा जो (पुत्र) अग्निष्टोम यज्ञ करेगा। ५-पागामी पूर्णिमा को एक बड़ा त्योहार मनाया जायगा। ६-मैं 'इस वर्ष गर्मी की छुट्टियां कश्मीर में ही काढूँगा। 7-* जेसा करोगे, वैसा भरोगे (जैसे बोमोगे, वैसा ही काटोगे)। ८-यदि वे उलटी राह पर जायेंगे तो अवश्य हानि उठायेंगे / ६-यदि तुम कृष्ण महाराज को प्रणाम करोगे तो स्वर्ग को जानोगे। १०-मुझे भय है तुम्हारे घाव देर से भरेंगे, बरसात भी निकट है। ऐसे घाव बरसात में खराब हो जाया करते हैं। 11 1-1 वहन्त्यां वाहिन्याम्, स्रवन्त्यां स्रवन्त्याम् / 2-2 एककस्यात्मवत्य घातं निशम्य / हतो ममैकस्तनूज इति वृत्तमुपलभ्य / 'हत्या' का समास के उत्तरपद के रूप में ही प्रयोग हो सकता है। स्वतन्त्र रूप से नहीं / 'जनहत्या' कह सकते हैं, पर जनानां हत्या नहीं। 'समाचार' वृत्तान्त अर्थ में संस्कृत साहित्य में नहीं मिलता। 3-3 विस्मयेन विधेयीकृतश्चिन्तासन्तानेकतानोऽभवत् / 4-4 प्रतिलोमं (विपरीतम्) प्रवालम्बत / 5-5 ऐषमः-मम्यय / 6-6 नैदाघमनध्यायम् (द्वितीया)। ७-काश्मीरेषु / . प्र. क० 5 -