________________ ( 156 ) अधिक देर तक चलेगा क्योंकि इसकी बुनती अधिक गाढ़ी है' ।-बालक ने डरते-डरते (ससाध्वसम्) उत्तर दिया, मुझे मालूम नहीं कि मेरे पिता का वेतन 200 रुपये से अधिक है। 8-बन्दर ने रीछ से कहा-तुम्हें मेरा साथ देना चाहिये था, क्योंकि तुम मेरे मित्र होने का दम भरते हो / १०-पिता ने पुत्र से कहा-रात के समय घर से बाहर मत जामो ऐसा न हो कि तुम्हें ठंड लगे जाय / ११-अपने बच्चे की मृत्यु का समाचार सुनकर माता चिल्ला उठी, हाय! अब मैं इसके बिना कैसे जीवित रह सकती हूँ। पुत्र ! तू मुझ बुढ़िया की लठिया था। १२-अध्यापक ने पूछा-गंगा यमुना में मिलती है या यमुना गंगा में / १३-कवि ने राजा की प्रशंसा के पुल बांध दिये। १४-मैंने उसे बतला दिया कि वह किस प्रकार इस कठिनाई से छुटकारा पा सकता है। संकेत-२-व्यपदेशमाविलयतस्तेऽजननिर्भूयात् / ५-एतयोर्द्वयोरेष पटः सुचिरतरमवस्थास्यते, यतोऽयं निरन्तरमुतः / १०-पिता पुत्त्रमम्यवदत्-निकेतनाद् बहिर्मा गमः, मा ते शैत्यविक्रिया (शीतम्) भूत् / १२-उपाध्यायः पर्यन्वयुक्त किं गङ्गा यमुनामुपतिष्ठते, उत यमुना गङ्गामिति / १३--कविरत्यर्थमवर्षयद् भूपम् / (कवी राजानमतिमात्रमस्तावीत्) / १४--स केनोपायेन कृच्छ्रानिर्मोक्तुम् (मापदमुत्तरीतुम्) अर्हतीति तं प्राबूबुधम् / बुध णिच्-लुङ् / अभ्यास-१५ १-अब छुट्टियां हैं। समय काटे नहीं कटता। परीक्षा की तैयारी में लगा हुमा था तो ऐसा मालूम पड़ता था कि समय पंख ग्रहणकर उड़ा जा रहा है। २–जिसका काम उसी को साजे और करे तो ठींगा बाजे। ३-शत्रु के पांव जमने न दो', वह तुम्हारे लिये प्रति कष्टदायक सिद्ध होगा। ४-मैं तुम्हें बता दूंगा कि मैं किस प्रकार भीड़ को चीरकर निकल जाता हूँ। ५-यदि चपरासी की मुट्ठी गरम न करोगे तो वह तुम्हें कमरे के अन्दर नहीं जाने देगा।६-आटा कुछ मोटा पिस रहा है, इसे बारीक पीसिये। ७–मेरा दिल 1-1. निबिडतरमस्य (गाढतरमस्य) वानम् / 2-2. मन्मित्रमात्मानं प्रख्यापयसि / मत्सुहृदमात्मानमुदाहरसि / 3-3. जीवेयम् (शकि लिङ् च)। 4-4. मा भूल्लब्धमूलः (मा तेऽरातिः प्रतिष्ठात्)। 5-5. जनौषं मध्यतो विच्छिद्य निर्यामि / जनीघं मध्येन बलाद् यामि /