________________ इस बालक की टांग टूट गई है और इसके भाई के पांव में मोच आ गई है। ३-फोड़े में पोब भर गई है, और उसका मुँह भी बन गया है, अब इसे चीरा दिया जायगा। ४-आजकल मुकदमाबाजी बढ़ गई है और रिश्वत का बाजार गरम है। ५-उसका बाल-बाल ऋण में फंसा हुआ है। साह इसे तंग कर रहा है, बेचारा ऋण चुकाने के लिए और ऋण लेता है। ६मुझे तीस रुपये उधार चाहिये, आप क्या ब्याज लेंगे ? ७-नीलामी 3 के समय लोग एक दूसरे से बढ़-बढ़ कर बोली देते हैं। और जो सब से अधिक बोली देता है, उसे ही दाम देना पड़ता है। क्या वह पहले से अच्छी दशा में है ? नहीं, उसकी पहले से बुरी हालत है। -आज हम बड़े भाग्यशाली हैं कि हवाई जहाज में बैठकर आकाश की सैर कर सकते हैं और घर बैठे देशदेशान्तरों में हो रहे भाषणों को सुन सकते हैं / १०-रेल के कर्मचारी यात्रियों के दुःखों और संकटों का तनिक भी ख्याल नहीं करते। ११-पति-वियोग में वह सूखकर कांटा हो गई है / इसकी दशा को देखते ही रोना आता है। १२वे दोनों गुत्थमगुत्था हुए ही थे कि मैंने उन्हें छुड़ा दिया। नहीं तो वे लड़-भिड कर लहू-लुहान हो जाते। . १३-एक ही राग अलापते जाते हो, कुछ नई बात नहीं करते हो और न तो किसी दूसरे की सुनते हो। १४-आजकल उसकी खुब चलती है। पांचों उँगलियाँ घी में हैं। १५-इस आन्दोलन को बन्द न होने दो, कुछ देर चलता रहने दो। १६-जेब कतरा, रुपये लेकर चलता बना और यात्री को पता तक नहीं चला। ___ संकेत-१-मम पादाङ्गुष्ठः सन्धेश्च्यावितः (विसंहितः) / २-अस्य बालस्य जङ्घा-भङ्गो जातः, भ्रातुश्चास्य पादस्नायुर्वितता'... ( प्रसृता, भग्ना, .... स्नायुवितानो जातः) / ३-वरपः पूयक्लिन्नो बद्धमुखश्च जातः / 'पूयक्लिन्न' के स्थान पर 'सपूयः, विपक्वः' ऐसा भी कह सकते हैं। ४-अद्यत्वे व्यवहार उत्तरोत्तरं वर्धते / आमिषपरिग्रहश्च बहुलः प्रवर्तते / ५-साहू इसे तंग कर रहा है, साधुस्तं बाधते, वराक ऋणाणं कुरुते / ६-त्रिंशतं रूप्यकानुद्वारमिच्छमि, कियती वृद्धिर्भविष्यति ? ८-अस्ति तस्य विशेषः ? न हि, स तु 1-1. इदानीमस्य शालाक्यं करिष्यते / - 2-2. स ऋषभराक्रान्तः / 3. घोषणापूर्वके क्रये / 4-4. एकोऽपरमतिशय्य देयं मूल्यमुद्घोषयति / 5-5. सर्वातिरिक्तम् / 6. ग्रन्थिच्छेदकः /