________________ ( 88 ) सप्ताह के पीछे कश्मीर को चल दूंगा। २–हम एक वर्ष बाद यज्ञ करेंगे, इस बीच में सब प्रकार की सामग्री जुटा लेंगे। ३-भविष्यद् वक्ता कहते हैं कि देवदत्त के घर पुत्र पैदा होगा, जो शत्रुओं के ऐश्वर्य को हर लेगा। ४दुर्योधन के साथी उसके 'कपट व्यवहार से तंग आकर उससे अलग हो जाएँगे। 5--* संसार के पदार्थ चिर तक ठहर कर अन्त में जाएँगे ही। वियोग में क्या अन्तर है जो मनुष्य इन्हें स्वयम् नहीं छोड़ता। ६---जब भी मुझे अवसर मिलेगा, मैं वैद्यक सीखने का प्रयत्न करूँगा / वैद्यक बड़े काम की चीज है। ७-स्वतन्त्र भारत अपनी प्राधुनिक घोर निर्धनता और निरक्षरता को शीघ्र ही मिटा देगा।८-मुझे निश्चय है कि प्रत्येक अवस्था में तुम सत्य बोलोगे। ह-हाँ यह कब पहुँचेगा जो इस तरह पौओं धरता है / 10-- हाँ, यह कब पढ़ेगा जो इस तरह पढ़ने में ध्यान नहीं देता। ____संकेत--लुट् लकार से उस भविष्यत्काल की क्रिया का बोध होता है, जो आज न होने वाली हो / जैसे-१--श्वोऽहमितः प्रस्थाताहे, परश्वश्च गृहमासादयिताहे / (प्राङः षद पद्यर्थे / प्राङ पूर्वक सद् चुरादि पद् धातु के मर्थ में पढ़ी है।) ततश्च सप्ताहात्परेण काश्मीरान् प्रति प्रस्थाताहे / 2-- वर्षात्परेण यष्टास्महे / अत्रान्तरे सर्वान्सम्भारान्कर्तास्महे / ३–प्रादेशिका पादिशन्ति देवदत्तस्य पुत्रो जनिता, यः शत्रुश्रियं हतेति / ८-सर्वावस्थागतस्त्वं सत्यं वक्तासोति दृढो मे प्रत्ययः / अभ्यास-३४ ( लिट्लकार ) 1--* कहते हैं कृष्ण ने कंस को मार डाला। २--महाराज समुद्रगुप्त ने अश्वमेध यज्ञ किया और उसके पुत्र कुमारगुप्त ने भी। ३--जीव सृष्टि रचने वाला ब्रह्मा ऋषि मुनियों के साथ वेद विषयक बातें करता हमा अपने कमलासन पर बैठा था। ४-जैसे ही दुष्यन्त कण्व के आश्रम की मास' पास की भूमि' में प्रविष्ट हुआ, उसकी दाहिनी बांह फड़क उठी। ५-असुर देवताओं से स्पर्धारखते थे, और उन से प्राय: लड़ते रहते थे। . 1-1 अनृजुना व्यवहारेणोदेजिताः / २-२-परिसर पुं०, पर्यन्तभू-स्त्री० / ३-स्पन्द भ्वा० प्रा० स्फुर् तुदा०प० / ४-पस्पधिरे / 5-5 तैः संयेतिरे च /