________________ की चाल की नकल करते हैं (अनु +ह, प्रा० ) / ६–पथ्य का सेवन करना चाहिये, कुपथ्य का कभी नहीं (मभि+प्रव-ह)। १०–जो देश अब बिहार कहलाता है वह पहले कभी बौद्ध बिहारों से भरपूर था,इस लिये इसका ऐसा नाम पड़ा। ११-जो प्रातःकाल सैर करता है (विरह) वह प्रायः स्वस्थ रहता है। १२-अपने भाई की मृत्यु का समाचार सुन कर उसने सावन भादों की तरह आँसू बहाये (वि+ह)। १३--दुष्टों का संग छोड़ देना चाहिये (परि +ह), इससे बढ़कर पातित्य का साधन नहीं / १४उसने ठीक कहा है (वि-आ-हृ) कि बहुत से दैववादी मनुष्यों का नाश हो गया। १५-चोर जो कुछ हाथ लगा ले कर भाग गये (अप+ह) १६बाजार जाकर फल वा शाक ले आनो (आ+ह) १७-पुत्र' को चाहनेवाला पुरुष पूर्णिमा के दिन ब्राह्मणों के आदेशानुसार बड़ा यज्ञ' करे (मा-ह)। १८-चिकित्सक भोजन के उचित समय के लांघ जाने पर दोष बतलाते हैं (उद्+आ+ह)। १६-क्या वह मूढ मेरे साथ कार्य के विनिमय से व्यवहार करता है ? (वि+अव+ह)। २०-यद्यपि ऐसा है, फिर भी राजा की कृपा दृष्टि इसे प्रधानता दे रही हैं ( उप+ह ) / ___ संकेत-४-संह्रियतां वचः ( संहर वाचम्), त्वरमाणमानसाः सम्प्रति सामाजिकाः। ५-संह्रियन्तां गावः, गृहं प्रति निवर्तावहे / ६-पथ्यमभ्यवहरेन्नापथ्यं कदाचन / ११-य: कल्ये विहरति स कल्यो भवति / १३-परिहर खलसम्पर्कम् (वर्जय दुर्जनसंसर्गम् ), नातः परं पातित्यकरमस्ति / १४दैष्टिकताऽनीनशद् बहूनिति सुष्ठु तेन व्याहारि ( दैष्टिकतयाऽनशन बहव इति साधु तेन व्याहृतम् / ) अभ्यास-४२ (गम् =जाना) १-नहीं मालूम यह आगन्तुक यहां किस लिये आया है ? (मा= गम् ) / इसकी प्राकृति शङ्का उत्पन्न करती है / २–वह ऐसे देश में गया है, जहाँ से कोई यात्री कभी लौटा नहीं (प्रति+आ+गम् ) / ३-उपाध्याय के भोजन है, 'माहरति' लाता है-इस अर्थ में ही प्रायः प्रयुक्त होता है। हां, १-१-पुत्रकामः। २-यज्ञ, सव, अध्वर, मख, क्रतु, मन्यु-पुं०।