________________ चतुर्थ स्थान–प्रथम उद्देश ] [ 246 वैरोचनराज वैरोचनेन्द्र बलि के लोकपाल सोम महाराज की चार अग्रमहिषियां कहो गई हैं। जैसे 1. मितका, 2. सुभद्रा, 3. विद्युत, 4. अशनि (151) / १५२–एवं जमस्स वेसमणस्स वरुणस्स / इसी प्रकार यम, वैश्रवण और वरुण लोकपालों की भी चार-चार अग्रमहिषियां कही गई हैं (152) / १५३–धरणस्स णं णागकुमारिदस्स णार्गकुमाररण्णो कालवालस्स महारण्णो चत्तारि अग्गमहिसीनो पण्णत्तानो, तं जहा–असोगा, विमला, सुप्पभा, सुदंसणा // ___नागकुमारराज नागकुमारेन्द्र धरण लोकपाल महाराज कालपाल की चार अग्रमहिषियां कही गई हैं। जैसे 1. अशोका, 2. विमला, 3. सुप्रभा, 4. सुदर्शना (153) / १५४---एवं जाव संखवालस्स / इसी प्रकार शंखपाल तक के शेष लोकपालों की चार-चार अग्रमहिषियां कही गई हैं (154) / 155 --भूताणंदस्स णं णागकुमारिदस्स णागकुमाररणो कालवालस्स महारण्णो चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्तानो, तं जहा-सुणंदा, सुभद्दा, सुजाता, सुमणा / नागकुमारराज नागकुमारेन्द्र भूतानन्द के लोकपाल महाराज कालपाल की चार अग्रमहिषियां कही गई हैं / जैसे 1. सुनन्दा, 2. सुभद्रा, 3. सुजाता, 4. सुमना (155) / १५६–एवं जाव सेलवालस्स / इसी प्रकार सेलपाल तक के शेष लोकपालों की चार-चार अग्रमहिषियां कही गई हैं (156) / १५७-जहा धरणस्स एवं सम्वेसि दाहिणिदलोगपालाणं जाव घोसस्स / जैसे धरण के लोकपालों की चार-चार अग्रमहिषियां कही गई हैं, उसी प्रकार सभी दक्षिणेन्द्र -वेणुदेव, हरिकान्त, अग्निशिख, पूर्ण, जलकान्त, अमितगति, वेलम्ब और घोष के लोक. पालों की चार-चार अग्रमहिषियां कही गई हैं / जैसे 1. अशोका, 2. विमला, 3. सुप्रभा, 4. सुदर्शना (157) / १५८-जहा भूताणंदस्स एवं जाव महाघोसस्स लोगपालाणं / जैसे भूतानन्द के लोकपालों की चार-चार अग्रमहिषियां कही गई हैं, उसी प्रकार शेष सभी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org