________________ 424] [स्थानाङ्गसूत्र कुम्भ (घट) चार प्रकार के कहे गये हैं। जैसे१. पूर्ण और पूर्ण-कोई कुम्भ प्राकार से परिपूर्ण होता है और घी आदि द्रव्य से भी परिपूर्ण होता है। 2. पूर्ण और तुच्छ--कोई कुम्भ आकार से तो परिपूर्ण होता है, किन्तु धी आदि द्रव्य से तुच्छ (रिक्त) होता है। 3. तुच्छ और पूर्ण-कोई कुम्भ आकार से अपूर्ण किन्तु घृतादि द्रव्यों से परिपूर्ण होता है / 4. तुच्छ और तुच्छ-कोई कुम्भ घी आदि से भी तुच्छ (रिक्त) होता है और आकार से भी तुच्छ (अपूर्ण) होता है। इस प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गये हैं / जैसे१. पूर्ण और पूर्ण-कोई पुरुष श्राकार से और जाति-कुलादि से पूर्ण होता है और ज्ञानादि ___ गुणों से भी पूर्ण होता है / 2. पूर्ण और तुच्छ-कोई पुरुष प्राकार और जाति-कुलादि से पूर्ण होता है, किन्तु ज्ञानादि___ गुणों से तुच्छ (रिक्त) होता है / 3. तुच्छ और पूर्ण-कोई पुरुष प्राकार और जाति आदि से तुच्छ होता है, किन्तु ज्ञानादि ____ गुणों से पूर्ण होता है। 4. तुच्छ और तुच्छ—कोई पुरुष प्राकार और जाति आदि से भी तुच्छ होता है और ज्ञानादि गुणों से भी तुच्छ होता है / (560) ५६१-चत्तारि कुभा पण्णत्ता, त जहा-पुण्णे णाममेगे पुण्णोभासी, पुण्णे णाममेगे तुच्छोभासी, तुच्छे णाममेग पुग्णोभासी, तुच्छे णाममेगे तुच्छोभासी। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, त जहा-पुण्णे णाममेगे पुण्णोभासी, पुण्णे णाममेगे तुच्छोभासी, तुच्छे णाममेग पुण्णोभासी, तुच्छे णाममेगे तुच्छोभासो। पुनः कुम्भ चार प्रकार के कहे गये हैं / जैसे---- 1. पूर्ण और पूर्णावभासी-कोई कुम्भ आकार से पूर्ण होता है और पूर्ण ही दिखता है / 2. पूर्ण और तुच्छावभासी-कोई कुम्भ आकार से पूर्ण होता है, किन्तु अपूर्ण सा दिखता है। 3. तुच्छ और पूर्णावभासी-कोई कुम्भ आकार से अपूर्ण होता है, किन्तु पूर्ण सा दिखता है। 4. तुच्छ और तुच्छावभासी—कोई कुम्भ आकार से अपूर्ण होता है और अपूर्ण ही दिखता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे गये हैं / जैसे--- 2. पूर्ण और पूर्णावभासी-कोई पुरुष सम्पत्ति-श्रत आदि से पूर्ण होता है और उसके __ यथोचित सदुपयोग करने से पूर्ण ही दिखता है / 2. पूर्ण और तुच्छावभासी—कोई पुरुष सम्पत्ति-श्रुत आदि से पूर्ण होता है, किन्तु उसका यथोचित सदुपयोग न करने से अपूर्ण सा दिखता है / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org