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पं. जुगलकिशोर मुख्तार विद्वत्संगोष्ठी विवरण
डॉ. शीतलचन्द जैन * प्राचार्य श्री दि जैन आचार्य स महाविद्यालय, जयपुर - 3
दिगम्बर जैन सराक जाति उद्धारक, जैन विद्या के पारगामी बहुश्रुत मुनिपंगव, व्याख्यान वाचस्पति, युगपुरुष परमपूज्य 108 उपाध्याय ज्ञानसागरजी महाराज एवं परमपूज्य वैराग्यसागर जी महाराज के परम पुनीत सान्निध्य मे और ब्र. अतुल भैया जी की गौरवपूर्ण उपस्थिति में प जुगलकिशोर मुख्तार के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर श्री दिगम्बर जैन अतिश क्षेत्र देहरा, तिजारा अलवर (राज) की ओर से दिनांक 30 1098 से 11198 तक अखिल भारतवर्षीय स्तर के विद्वानों के मध्य में विद्वत् गोष्ठी का भव्य आयोजन हुआ ।
सात सत्रो में जैन विद्या के मनीषी विद्वानो ने महत्त्वपूर्ण अड़तालीस आलेखों का वाचन किया। प्रथम सत्र की अध्यक्षता आदरणीय विद्वान् डॉ भागचन्द जी भागेन्दु श्रवणबेलगोला ने की, दीप प्रज्वलन दानवीर समाज सेवक पदमचन्द जी धाकडा, मद्रास ने किया। सत्र का सचालन जाने माने विद्वान डॉ नलिन कुमार जी शास्त्री 'गया' ने अपनी चिरपरिचित शैली मे किया । लेखवाचन प्राचार्य श्री निहालचन्द जी बीना एवं प्राचार्य डॉ. प्रेमचन्द जी गंजबासोदा ने किया।
द्वितीय सत्र दोपहर दो बजे से प्रारम्भ हुआ। जिसकी अध्यक्षता डॉ रतनचन्द जी भोपाल ने की। डॉ. साहब ने अपनी हास्यपूर्ण और मनमोहक वाणी से सत्र को बाधे रखा। सत्र का संचालन प्राचार्य श्री निहालचन्द जी 'बीना' ने अत्यन्त सौहार्द के साथ किया । आलेख वाचन पं. निर्मल कुमार जैन जयपुर डॉ प्रकाशचन्द जैन दिल्ली, डॉ. कृष्णा जैन ग्वालियर, डॉ. नरेन्द्र कुमार जैन श्रावस्ती, प लालचन्द जैन गजबासोदा ने किया।