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Pandit Jugal Kishor Mukhtar "Yugveer" Personality and Achievements
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'जब तक सूरज चाँद रहेगा, मुख्तार जी का नाम रहेगा।'
उन्होंने मानवता खण्ड के अन्तर्गत अनित्यभावना सम्बोधन खण्ड को छह भागों में विभक्ति किया है। मानव धर्म शौर्य कविता में अछूतोद्धार का सजीव चित्रण किया है
गर्भवास औ 'जन्म समय में कौन नहीं अस्पृश्य हुआ? कौन मलों से भरा नहीं ? किसने मल मूत्र न साफ किया? किसे अछूत जन्म से तब फिर कहना उचित बताते हो? तिरस्कार भंगी चमार का करते क्यों न लजाते हो?"
निबन्धकार के रूप में - आप निबन्धकार के रूप में द्विवेदी जी से भी एक कदम आगे थे। आपने वर्णात्मक, शोधात्मक एवं वैयक्तिक निबन्धों का संग्रह 'युगवीर निबन्धावली' दो खण्डों में किया है। प्रथम खण्ड में 41 और द्वितीय में 65 निबन्ध संगृहीत है। प्रथम खण्ड के निबन्ध सामाजिक, राष्ट्रीय, विश्लेषणात्मक, आचारमूलक, भक्तिपरक, दार्शनिक, सुधारात्मक या जीवन शोधक विषय के हैं।
द्वितीय खण्ड के निबन्ध 5 भागों में वर्गीकृत हैं- 1. उत्तरात्मक, 2. समालोचनात्मक, 3. स्मृति परिचयात्मक, 4. विनोदसमीक्षात्मक और 5. प्रकीर्णक |
भाष्यकार के रूप में भाष्य शब्द का अर्थ है किसी एक भाषा की किसी उक्ति, संदर्भांश या मूलग्रंथ के अर्थ को भाव की दृष्टि से अक्षुण्ण रखते हुए अर्थात् अर्थ या भाव को उसी भाषा या अन्य भाषा में अपनी ओर सेशका समाधान पूर्वक कथित या निहित तथ्यों की पुष्टि करता है व्याकरण के अनुसार भाष्य शब्द भाष+ ण्यत्. से बना है, इसका अर्थ है बोलना, व्याख्या या वृत्ति लिखना ।
आपने अपनी अमर लेखनी द्वारा आ. समन्तभद्र की प्रायः समस्त कृतियों पर भाष्य लिखे हैं। भाष्यकार वह होता है जो भूलभावों के अक्षुण्ण रखता हुआ सरल और स्पष्ट व्याख्या प्रस्तुत करता है।