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Pandit Jugal Kishor Mukhtar "Yugveer" Personality and Achievements
उनके सिद्धान्तों का पालन करते है। आज सबसे अधिक परिग्रह देखा जाय तो जैनियो के पास मिलता है। ये जैन सिद्धान्तो पर अत्याचार ही तो है। यही जैन धर्मार्जन के लिए दूसरे प्राणियों का घात करने में नहीं हिचकते हैं। जहाँ महावीर भगवान ने कहा है कि सत्य और अहिसा का प्रचार करो एवं उन्हें जीवन मे अपनाओ। वही आज जैनी बूचडखाने खुलवाकर के कितने मासूम गाय, बैल, बकरी आदि मूक प्राणियों को कटवाते हैं। तो इसे हम अब अत्याचार नहीं कहेंगे क्या? अगर इस बात को कहने की हम कोशिश नहीं करेगे तो क्या होगा । आज कोई भी इस ओर ध्यान नहीं देता। लेकिन ऐसा कटु सत्य कहने वाले निर्भीक वक्ता थे तो वह पण्डित मुख्तार जी थे, क्योंकि आज तक इन जैनियो पर हुए अत्याचारो को कहने वाले तो मिले, पर इन्होने अन्य जीवो, जिनवाणी, धर्म सिद्धान्तों पर अत्याचार किये। इन सबको कहने वाले मात्र एक पण्डित जी के अलावा नहीं मिले।
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