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पं जुगलकिशोर मुख्तार "युगवीर" व्यक्तित्व एवं कृतित्व
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तेभ्योः शुद्ध है आदि शब्द से गंगा के अतिरिक्त अन्य जम्बूदीपवर्ती 13 नदियों का संग्रह है 1
गुणानामगुणत्वम्- (अ. 4 सू. 11) में गुणों को अन्यगुणों से रहित बताया है। अन्यथा गुण-गुणी पर गुणवान बन जायेंगे। द्रव्य बन जायेंगे- ऐसा विशेषार्थ में स्पष्ट है ।
'सह - कम भावि गुण - पर्ययवद्रव्यम्' (अ. ५ सू. ८) इस सूत्र में गुणों के सहभावी पर्यायों को क्रमभावी बताया है। यह सूचना उमास्वामी के पर्यवद्रव्यं सूत्र में नहीं है।
ब्रह्वारम्भ परिग्रहाद्या नरकाद्यायुएकः हेतवः
(अ. 6 सूत्र 8 )
इस अति संक्षिप्त सूत्र में चारों गतियों को बन्ध हेतुत्व का स्पष्ट खुलासा नहीं होता ।
श्रमणानामाष्टाविंशतिर्मूलगुणाः
नहीं ।
(अ. 7 सूत्र 5)
उक्त सूत्र के अर्थ को बताने वाला सूत्र उमास्वामी के तत्वार्थ सूत्र में
श्रावकाणामष्टौ
(अ. 7 सूत्र 8 )
इस सूत्र का अर्थवाची सूत्र तत्वार्थ सूत्र (उमा स्वामी) में नहीं है।
उत्तम संहननस्पयान्तर्मुर्हृतावस्थामि ध्यानम्
(अ. 9 सूत्र 3)
इस सूत्र में उमास्वामी के उत्तम सहननस्यैकाग्र चिन्तानिरोधे ध्यानम् की तरह ध्यान का स्वरुप प्रतिपादित नहीं है।
क्षेत्रादि सिद्धभेदा साध्या
(अ. 10 सूत्र 5)