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पं जुगलकिशोर मुख्तार "युगवीर" व्यक्तित्व एव कृतित्व
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दो शब्द
यह जानकर मुझे प्रसन्नता हुई कि जैन जगत के अद्वितीय विद्वान पं जुगलकिशोर मुख्तार "युगवीर" के व्यक्तित्व एव कृत्तित्व पर एक विद्वत् सगोष्ठी का आयोजन परमपूज्य उपाध्याय ज्ञानसागर जी महाराज के ससघ पावन सानिध्य में तिजारा, अलवर में हुआ था। देश के विभिन्न प्रान्तों से पधारे हुए विद्वानों ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर जो शोधालेख प्रस्तुत किये थे वे संकलित होकर एक ग्रन्थ के रूप में प्रकाशित हो रहे हैं, ये गौरव की बात है। प्राच्य श्रमण भारती का उद्देश्य चारो अनुयोगों के ग्रन्थों के प्रकाशन के साथ इस प्रकार के ऐतिहासिक मूर्धन्य विद्वानो के व्यक्तित्व एव कृत्तित्व को प्रकाशित करना भी है, जैन जगत् को ऐसे प्राचीन विद्वान के सबध में ज्ञान हो ऐसी मेरी भावना एव संस्था का उद्देश्य है इस संस्था को परमपूज्य उपाध्याय श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त है अत: हम उनके चरणों में शत्-शत् नमन करते हैं।
अध्यक्ष प्राच्य श्रमण भारती
मुजफ्फरनगर