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राजनय एवं राजनीतिक व्यवस्था
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शूल,' शाङ्ग शंख,२ शक्ति,' शाङ्ग धनुष, सप्तरत्न (असि, शंख, धनुष, चक्र, शक्ति, दण्ड तथा गदा), सायक (बाँस के बाण) सिंहबाण, सुदर्शनचक्र, सूर्यबाण, सोनन्दक तलवार, सिंहाटक भाला,"हल'२ ।
सेना से सम्बन्धित अन्य सामान : आलोचित जैन पुराणों में युद्धों में प्रयुक्त होने वाले शास्त्रास्त्रों के अतिरिक्त अन्य सामानों का भी उल्लेख मिलता है, जो निम्नांकित हैं :
___असिकोश", अभेदकवच", आयुधालय", आयुधशाला", कवच", टोप, तनुत्रिक", तसरू (तलवार की मूठ) २०, निगड (बेड़ी) २१, निषंग२२, पृतना२२, वर्म वैसाखस्थान २५, शख्य', शरव्रात, शिरस्त्र, सर्वायुध, संवर्मित", शंख", महाजाल'२, महीशा (काठी)।"
७. युद्धफल : सैन्य व्यवस्था के अध्ययन से यह ज्ञात होता है कि जैन पुराणों की रचना काल में सैनिक संगठन पर विशेष बल दिया जाता था। क्योंकि उस
१. पद्म १२।२५८ २. हरिवंश ५३।४६ ३. वही ५३।५१; महा २७११११;
पद्म १२।२५७ ४. महा ६८।६७५ ५. वही ५७।६२ ६. पद्म १२।२५८
महा ४४।२४२ हरिवंश ५३।४६;
महा ३७।१६६, ६८६७५ ६. महा ४४।२४२ १०. वही ३७११६७ ११. वही ३७।१६४ १२. हरिवंश ५२।६१ १३. महा ५।२५० १४. वही ३७।१५० १५. वही ३७।८५ १६. वही ६३।४५८
१७. महा २७।११२, ७२।१११ १८. वही ३६।१४ १६. वही ३१।७२ २०. वही ३७११६५ २१. वही ४२।७६ २२. वही १६।४२ २३. वही ६।१०६ २४. वही ६८१५५६ २५. वही ३२१८७ २६. वही ३५७१
वही ३६८० वही ३६।१४
वही १०५६ ३०. वही ३६।१३८ ३१. वही ७२।११० ३२. वही ७२।११० ३३. वही ६८१५५६
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