Book Title: Jain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Author(s): Deviprasad Mishra
Publisher: Hindusthani Academy Ilahabad

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Page 544
________________ ५१० जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन ६-आभूषण ४३. फलकहार : (पृ० १५८) अर्द्धमाणवहार में मणि लगा देने से फलक हार होता था। अर्द्धमाणवहार : (पृ० १५८) इसमें १० लड़ियाँ होती थीं। ४५. माणवहार : (पृ० १५८) इसमें २० लड़ियाँ होती थीं। ४६. अर्द्ध गुच्छहार : (पृ० १५८) इसमें २४ लड़ियाँ होती थीं। ४७. गुच्छहार : (पृ० १५८) इसमें ३२ लड़ियाँ होती थीं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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