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जन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन
१४-समवसरण
८२.
समवसरण के चैत्य वृक्ष की भूमि : (पृ० २७४-२७६) ।
८३. समवसरण का एक दिशात्मक सामान्य भूमि : (पृ० २७४-२७६) ।
८४.
समवसरण का धूलिशाल कोट तथा उसका तोरण द्वार : (पृ० २७४-२७६)।
८५. समवसरण की गन्ध कुटी : (पृ० २७४-२७६) ।
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