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जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन
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१७- वाद्य यन्त्र
पटह : ( पृ० २६७ ) ढोलक के समान । रानकपुर, आदिनाथ मन्दिर, ग्यारहवींबारहवीं शती ।
पुष्कर : ( पृ० २६८) मृदंग या पखावज का प्राचीन रूप ।
पाणिघ : ( पृ० २६७) आधुनिक तबला का प्राचीन
मृदंग : ( पृ० २६८ ) कर्नाटक के मृदंगम् के समान ।
भेरी : ( पृ० २६८ ) ढोल के समान ।
झर्झर : ( पृ० ३०१) झर्झर का वादन । आलमपुर, पापनाशिनी, सातवींआठवीं शती ई० ।
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रूप ।
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