Book Title: Jain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Author(s): Deviprasad Mishra
Publisher: Hindusthani Academy Ilahabad

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Page 552
________________ ५१८ जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन १३-शस्त्रास्त्र और समवसरण ७५. दण्ड : (पृ० २२८) हाथ में दण्ड या प्यादा । ७६. प्रास : (पृ० २२८) भाला। ७७. शूल (त्रिशूल) : (पृ० २२६) प्रहार किया जाता हुआ त्रिशूल (वही, चित्र १४)। ७८. शूल (त्रिशूल) : (पृ. २२६) हाथ में स्थित त्रिशूल (वही, चित्र १६) । ७६. चक्र : (पृ० २२७) मथुरा से प्राप्त विष्णु की चतुर्भुजी मूर्ति से चक्र । ८०. समवसरण की सामान्य भूमि : (पृ० २७४-२७६) । ८१. समवसरण का मानस्तम्भ भूमि : (पृ० २७४-२७६) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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