Book Title: Jain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Author(s): Deviprasad Mishra
Publisher: Hindusthani Academy Ilahabad

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Page 556
________________ ५२२ जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन १५-वाद्य यन्त्र ८६. तुणव : (पृ० २६४) सितार के रूप में तम्बूरे के आकार का तुणव । ८७. सुघोषा वीणा : (पृ० २६५) १७ तार की वीणा । ८८. अलाबु वीणा : (पृ० २६५) लौकी या तुम्बा से निर्मित वीणा । ८६. एकतंत्री वीणा : (पृ० २६५) एक तार की वीणा । ६०. त्रितंत्री वीणा : (पृ० २६५) तीन तार वाली वीणा । विपञ्ची वीणा : (पृ० ३०१) समुद्रगुप्त के सिक्कों पर अंकित विपञ्ची वीणा वादन करते हुए। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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