________________
५०८
३६.
३७.
३८.
३८.
४०.
४१.
४२.
जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन
८- आभूषण
मणिमध्या यष्टि : ( पृ० १५७ ) इसके मध्य में मणि का प्रयोग होता था ।
विजयछन्दहार : ( पृ० १५८) इसमें ५०४ लड़ियाँ होती थीं । इसे अर्द्ध-चक्रवर्ती, बलभद्र आदि धारण करते थे ।
हार : ( पृ० १५८) इसमें १०८ लड़ियाँ होती थीं ।
देवच्छ्न्दहार : ( पृ० १५८) इसमें ८१ लड़ियाँ होती थीं ।
अर्द्धहार : ( पृ० १५८) इसमें ६४ लड़ियाँ होती थीं ।
रश्मिकलापहार : ( पृ० १५८) इसमें ५४ लड़ियाँ होती थीं ।
नक्षत्रमालाहार : ( पृ० १५८) इसमें २७ लड़ियाँ होती थीं ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org