Book Title: Jain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Author(s): Deviprasad Mishra
Publisher: Hindusthani Academy Ilahabad

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Page 548
________________ ५१४ जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन ११-आभूषण और शस्त्रास्त्र ६०. तुलाकोटि : (पृ० १६३) पैर का आभूषण था, जो तराजू की डंडी के समान होता था। ६१. गोमुखमणि : (पृ० १६३) पैर का आभूषण, जिसका अग्रभाग गाय के मुख के समान था और जिसके अग्रभाग पर मणि लगी होती थी। गदा : (पृ० २२७) बड़े आकार की गदा (अमरावती फलक १०, चित्र १५)। ६३. गदा : (पृ० २२७) छोटे आकार की गदा (अमरावती फलक १८) । ६४. असिधेनुका : (पृ० २२७) कमर की पेटी में रखी कटारी सहित पदाति-युवक । अहिच्छत्र से प्राप्त गुप्तकालीन मिट्टी की मूर्ति । ६५. खेटक : (पृ० २२७) ढाल । अहिच्छत्र से प्राप्त मिट्टी की मूर्ति । ६६. नाराच : (पृ० २२८) भस्त्रा या धौकनीनुमा तरकश । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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