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जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन
हिमवान या हिमालय : इसे जैन पुराणों में महाहिमवान, ' हिमवतकूट,' हिमवान, ' हिमवत कहा गया है। इसकी स्थिति जम्बूद्वीप के पूर्व बतायी गयी है ।" डॉ० एस ० एम० अली ने इसकी पहचान हिमालय पर्वत से किया है ।
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२. असमीकृत पर्वत : जैन पुराणों के अध्ययनोपरान्त ऐसे पर्वतों का वर्णन मिलता है, जिनका तादात्म्य साहित्यिक एवं पुरातात्विक साक्ष्यों से नहीं हो पाया । उनका वर्णन अग्रलिखित है :
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१६
१९
अम्बरतिलक, अम्बुदावर्त्त,' अस्ताचल, अनंग, " अहीन्द्र, " अण्डारगिरि, १२ आदित्यपाद, उदक, उदवास, १" ऊर्जयन्त, " कम्बु, " कम्बलाद्रि, " कनकाद्रि, ' कलिन्दगिरि, २० कर्ण, २१ कर्णाटक, २२ किष्कु, २" कुलाचल, कुटाद्रि, २५ कोलाहल, कौस्तुभ, २८ कृष्णगिरि, १९ खचराचल, गजदन्त, १ गुंज, १२ गदागिरि, ' गिरिकूट, * गोशीर्ष, " चन्द्रोदय " चन्दनगिरि, ७ जगत्पाद, ३७
२४
कुशाग्र, २६
३०
३३
३४
३८
जाम्बाव, " तुंगवारक, "
१. पद्म १०५।१५७; महा ६३।१६३
२. महा ३२१८४, ७४।१७१; हरिवंश ५।४७५
६७
४.
३. हरिवंश ११ ४१; महा ६३।१६३ पद्म ७६ १०; हरिवंश ५।४५-५६ महा २६।६४
५. वही १०५।१५७; हरिवंश ५।४७५;
७४।१७१
६.
अली - वही, पृ० ५०, ५७
७.
महा ७ ५२
८. हरिवंश ६०/२०
E.
१०.
११.
१२.
१२ .
१४.
पद्म २।२०१
महा २६।७०
वही ३५।५०
वही २६१४६
वही ६८।५१६ हरिवंश ५/४६१
१५.
वही ५।४६१
१६. पद्म २०/६१
वही ४५।७०
१७.
१८. महा २६।६६ १६. वही ३।६५
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९
२०.
२१.
२२.
२३.
२४.
२५.
२६.
२७.
२८.
पद्म २७।१६
वही ६।५२६ हरिवंश २१।१२३
पद्म ६।८२
हरिवंश ५।१४
महा २६।६७
पद्म १४६
महा २६।५६
हरिवंश ५१४६०
महा ३०।५०
२६. ३०. वही ५।२६१ ३१. पद्म २३।७ ३२. वही ८।२०१
३३.
महा २६/६८ ३४. हरिवंश २१।१०२
३५. महा २६८६ ३६. वही ७५।३६२ ३७. पद्म ३३।३१७ ३८. महा ६८।४६८ ३८. हरिवंश ४४ ॥७ ४०.
महा ३८१४८६
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