Book Title: Jain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Author(s): Deviprasad Mishra
Publisher: Hindusthani Academy Ilahabad

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Page 520
________________ ४८६ गोत्र शुद्धि २७ गोष्ठी १७३, १७४ ग्राम १८२ ग्रामपति ५८ ग्रैवेयेक १६० घण्टा ३०० घण्टीतंत्र ३२३ घटदासी ४८, १२२ घोष १८२, २५२ चञ्चापुरुष ३२३ चक्रलाभ क्रिया ५३ चक्राभिषेक क्रिया ८३ चूष्य १३१ चैत्यालय १०१ चर्म १४३ चातुर्वर्ण (चातुर्वर्ण्य) ३२, ३६, ३७ चीनपट्ट १४६ चीवार १४७ चूड़ामणि १५३ चूड़ाकर्म क्रिया ७३ छिन्न ३११ • जनस्थान १८५ जन्मदिनोत्सव १७८ जन्मोत्सव १७७ जलक्रीड़ा १७० जातकृत ३८ जिनरूपता ८०, ८७ Jain Education International जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन जिनवेश्म २७० जीव ३३५ से ३५४ जीवाधिकरण ३५० जुवराज्य १८३ जैनीकरण ३३ ज्ञ ३३८ ज्ञाता ३४१ ज्ञानी ३३६ झर्झर ३०१ झल्लरी २६६ झांझमंजीरा ३०१ ढक्का २६६ तंत्र (स्वराष्ट्र ) २०४ तंत्री २६५ तड़ाग ३२२ तत्त्व ३४८ तप १८, ३७३ तलपत्रिका १५५ तान २८८ ताल २८६, ३०० तिर्यक् लोक ३३६ त्रिवर्ग १०२, १०४, १०५, ३१७ त्रिवेदी ३६ त्रिलोक ३३५ तीर्थ १६ तीर्थंकर १८, ३५३, ३५४ तीर्थंकरत्व ३५३, ३५४ तीर्थंकृद्भावना क्रिया ८० For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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