Book Title: Jain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Author(s): Deviprasad Mishra
Publisher: Hindusthani Academy Ilahabad

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Page 522
________________ ४८८ नामकर्म क्रिया ७१ निर्ग्रन्थ ३६७, ३६८ निर्जरा ३४८, ३५१, ३५२, ३५३, ३५८ निर्यन्त्र ३१२ निर्वाण कल्याणक महोत्सव १७६ निश्छिन्द ३१२ निषद्या क्रिया ७२ निष्क ३३२ निष्क्रमण महोत्सव १७६ निष्क्रान्ति क्रिया ८३ निस्तारक ५८ निःसंगत्वात्मभावना क्रिया ८१ नूपुर १६३ नेत्र १४६ नंगम ३२८ नैमित्तिक लिपि २३६ पंचास्तिकाय ३३५, ३३८ पञ्चकल्याणक महोत्सव १७५ पञ्चेन्द्रिय ३४२, ३४३, ३४६ पट्ट १५४ पणव १८२, २६७ पत्तन २४६ पदार्थ ३४२ जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन परिधान १४७ परिनिवृत्ति क्रिया प परिमाणव्रत ५६ परीषह (परिषह) १६, ६३, ३७३ पर्वतारोहण क्रीड़ा १७२ पष्णग ३३२ पाप ३४८, ३५.४ पाणिध २६७ पायंक ३३२ पनिहारिन १२२ पर्याय ३३७ परमाणु ३४६ परलोक ३४० परिकर्म १३२ परिखा २५५, २५६ परिचारिका ४८ Jain Education International पारिवारिक शुद्धता २८ पारिव्रज्य ६२, ६३ पारिव्रज्य क्रिया ६२, ८८ प्रियोद्भव क्रिया ७० प्रीति क्रिया ६६ पुटभेदन २५०, १८२ पुण्य ३४८, ३५४ पुण्ययज्ञा क्रिया ८६ पुद्गल ३३५, ३३८, ३४२, ३४५, ३४६ ३४६ पुनर्भू १२० पुनर्जन्म ३५७, ३५६ पुमान् ३३६ पुराणी १ पुराणवित् १ पुराणवेद २ पुरोहित ३६, २०६ पुरुष ३३८ पुरुषार्थ १०२, १०३, १०४, १०५ पुष्कर २६८ पूजा १६,७८, ३८७ पूजाराध्य क्रिया ८५ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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