Book Title: Jain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Author(s): Deviprasad Mishra
Publisher: Hindusthani Academy Ilahabad

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Page 538
________________ ५०४ जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन ६-आभूषण २५. कुण्डल : (पृ० १५५) कान का आभूषण (अजन्ता फलक ३३)। २६. अवतंस : (पृ० १५५) कान का आभूषण (अजन्ता फलक ३३) । २७. तलपत्रिका : (पृ० १५५) पुरुष द्वारा धारण किया जाने वाला कान का आभूषण (अमरावती फलक ७, चित्र ८)। २८. बालिक : (पृ० १५५) कान में पहनने का गोला आभूषण । २६. शीर्षक यष्टि : (पृ० १५६) गले का आभूषण । इसके मध्य में एक मोती होती थी। उपशीर्षक यष्टि : (पृ० १५६) इसके मध्य में क्रमशः बढ़ते हुए तीन मोती होते थे। ३१. प्रकाण्ड यष्टि : (पृ० १५६) इसके मध्य में क्रमशः बढ़ते हुए पाँच मोती होते थे। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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