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जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन
६-आभूषण
२५. कुण्डल : (पृ० १५५) कान का आभूषण (अजन्ता फलक ३३)।
२६. अवतंस : (पृ० १५५) कान का आभूषण (अजन्ता फलक ३३) ।
२७. तलपत्रिका : (पृ० १५५) पुरुष द्वारा धारण किया जाने वाला कान का
आभूषण (अमरावती फलक ७, चित्र ८)।
२८.
बालिक : (पृ० १५५) कान में पहनने का गोला आभूषण ।
२६.
शीर्षक यष्टि : (पृ० १५६) गले का आभूषण । इसके मध्य में एक मोती होती थी।
उपशीर्षक यष्टि : (पृ० १५६) इसके मध्य में क्रमशः बढ़ते हुए तीन मोती होते थे।
३१. प्रकाण्ड यष्टि : (पृ० १५६) इसके मध्य में क्रमशः बढ़ते हुए पाँच मोती
होते थे।
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