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जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन
४-केश प्रसाधन
१४.
अलक-जाल : (पृ० १६६) केश बाँधने का विशेष ढंग । राजघाट से प्राप्त एक मृणमूर्ति (गोकुल चन्द्र जैन-वही, चित्र ३३)।
१५.
मौलि : (पृ० १५३, १६६) पुरुषों के केश बांधने का विशेष प्रकार (गोकुल चन्द्र जैन-वही, चित्र ३४) ।
१६. केशपाश : (पृ० १६७) पन्द्र और पुष्प मंजरी से सजाकर मुकुट से बाँधे गये
केश (गोकुल चन्द्र जैन-वही, चित्र ३५) ।
१७.
कुन्तल-कलाप : (पृ० १६७) मोर की पूंछ के अग्रभाग की तरह संवारे गये कुन्तल (गोकुल चन्द्र जैन-वही, चित्र ३६) ।
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