________________
भौगोलिक दशा
४४७
[घ] नदी १ समीकृत नदी : आलोचित जैन पुराणों के परिशीलन से ऐसी नदियों का उल्लेख उपलब्ध हुआ है, जिनका तादात्म्य तत्कालीन साहित्यिक एवं पुरातात्विक साक्ष्यों से भी किया गया है। ये नदियाँ निम्नांकित हैं :
अरुणा' : डॉ. दिनेश चन्द्र सरकार अरुणा की पहचान सरस्वती नदी की सहायक मार्कण्ड नदी से करते हैं।
इक्षमतो" : जैनेतर भागवत पुराण में इसे कुरुक्षेत्र की एक नदी बताया गया है। कुरुक्षेत्र आधुनिक उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के अन्तर्गत आता है ।
ऐरावती : यह बहराइच, गोंडा तथा बस्ती जिले से बहती हुई गोरखपुर में बरहज के पश्चिम सरयू (घाघरा) नदी में मिलती है।
कपीवती : इसकी पहचान कपिली नदी से किया गया है, जो आसाम के नवगाँव जिले से होकर बहती है।'
कावेरी' : इसको आधुनिक कावेरी नदी से समीकृत करते हैं, जो तमिलनाडु में बहती है।
___ कालमही : इसकी पहचान सहारनपुर, मुजफ्फरपुर जिलों में बहने वाली पश्चिमी काली नदी से कर सकते हैं, जो हिण्डन नदी की एक उपशाखा है।
कुसुमवती : यह भरत क्षेत्र के इला पर्वत के दक्षिण में बहती थी। २ ।।
कोशिको : यह आधुनिक कुशी नदी है जो बिहार के पूर्णिया जिले से बहती हुई गंगा में मिलती है ।१४ १. महा २६।५०
६. महा ४३।२७१ २. दिनेश चन्द्र सरकार-वही, पृ० ११२ १०. वही २६५० ३. महा २६।८३
११. दिनेश चन्द्र सरकार -वही, पृ० १२० ४. भागवत पुराण ५।१०।१ १२. हरिवंश २७।१३; महा ५६३११८ ५. हरिवंश २१।१०२; महा ७५।४४ १३. महा २६१६५ ६. लाहा-वही, पृ० १०४-१०५ १४. लाहा-वही, पृ० १५४ ७. महा २६।४६, २६१६२ ८. दिनेश चन्द्र सरकार-वही, पृ० ४२-४३
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org