Book Title: Jain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Author(s): Deviprasad Mishra
Publisher: Hindusthani Academy Ilahabad

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Page 491
________________ सन्दर्भ-ग्रन्थ ४५७ पद्म पुराण: रविषेण (भाग १, २, ३) सम्पा०, पन्नालाल जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी (प्र० सं०) १६५८ - १६५६ पाण्डव पुराणम् : शुभचन्द्र, सम्पा० २० एन० उपाध्ये तथा हीरालाल जैन, जीवराज गौतमचन्द्र जोशीं, शोलापुर, १६५४ पार्श्वनाथ चरित्र : वादिराज सूरि सम्पा० मनोहर लाल, बम्बई, १६१६. परिशिष्ट पर्वन : हेमचन्द्र, सम्पा० एच० याकोबी, कलकत्ता, १८८३ पुण्याश्रव कथाकोश : रामचन्द्र मुमुक्ष, सम्पा० नाथूराम प्रेमी, बम्बई १६१६ पुराण सार-संग्रह : दामनन्दी, सम्पा० गुलाबचन्द्र जैन, भाग १, २ काशी, १६५४-५५ पुरुदेव चम्पू प्रबन्ध : अर्हद्दास, सम्पा० पन्नालाल जैन, दिल्ली, १६७२ प्रवचन सार : कुन्दकुन्दाचार्य, सम्पा० अजित कुमार, पटना, वीर नि० सं० २४६५ प्रवचनसार : कुन्दकुन्द सम्पा० ए० एन० उपाध्ये, बम्बई, १६३५ प्राकृत व्याकरण: हेमचन्द्र, बम्बई, १६०५ भगवती आराधना : सम्पा० शिवकोटि सखाराम दोशी, शोलापुर, १६३५ मदन पराजय : नागदेव, सम्पा० राजकुमार जैन, दिल्ली, १६४८ 1 महा पुराण : जिनसेन, ( भाग १, २) सम्पा०, पन्नालाल जैन, भारतीय ज्ञानपीठ काशी ( द्वि० सं०) १६६३, १६६५ महा पुराण ( उत्तर पुराण ) : गुणभद्र, (द्वितीय भाग) सम्पा०, पन्नालाल जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी (प्र० सं०), १६५४ महापुराण ( अपभ्रंश) : पुष्पदन्त ( भाग १- ४ ), सम्पा० देवेन्द्र कुमार जैन, मणिक्यचन्द्र ग्रन्थमाला, दिल्ली, १६७६- १६८३ महाबन्ध : भगवंत भूतबलि, भाग १ से ७, दिल्ली, १६४७-१६५८ मूलाचार : वट्टकेर, सम्पा० मनोहर लाल शास्त्री, बम्बई, १६७६ मोक्ष पाहुड़ : बम्बई, वि० सं० १९७७ रत्नकरण्ड श्रावकाचार : समन्तभद्र, दिल्ली, १६५१ राजवार्तिक: दिल्ली, वि० सं० २००८ लिंग पाहुड़ : बम्बई, वि० सं० १६७७ वड्ढमाणचरिउ : विबुध श्रीधर, सम्पा० राजाराम जैन, दिल्ली, १६७५ वरांग चरित : जटासिंहनन्दि, सम्पा० ए० एन० उपाध्ये, बम्बई, १६३८ वसुनन्दि श्रावकाचार : वसुनन्दि, काशी, १६५२ वीर जिणिद चरिउ : पुष्पदन्त, सम्पा० हीरा लाल जैन, दिल्ली, १६७४ वीरवर्धमानचरितम् : सकलकीर्ति, सम्पा० हीरालाल जैन, दिल्ली, १६७४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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