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भौगोलिक दशा
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सुपमा : पूर्व विदेह क्षेत्र में सीतोदा नदी और निषध पर्वत के मध्य में इसकी स्थिति कथित है। इसे पद्म देश से समीकृत करते हैं।
सुरम्य : जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र में सुरम्य. देश था, जिसमें पोदनपुर नामक नगर था ।
सुराष्ट्र' : इसे आधुनिक सौराष्ट्र, काठियावाड़, गुजरात से समीकृत करते हैं।
सुह्य : कालिदास ने इसकी चर्चा कपिशा नदी के पास किया है। यह आधुनिक पश्चिम बंगाल के ताम्रलिप्ति का क्षेत्र है।
सौवीर' : डॉ. वासुदेव शरण अग्रवाल ने इसकी पहचान सिन्धु प्रान्त या सिन्धु नदी के निचले भाग से किया है। इसकी राजधानी रोद्रव (वर्तमान रोड़ी) माना है । पद्म पुराण में इसे सुवीर कथित है।
हरिवर्ष : महा पुराण के अनुसार भरत क्षेत्र में हरिवर्ष देश में भोगपुर और वत्वालय नगर स्थित थे।
२. असमीकृत देश : आलोचित जैन पुराणों में अधोलिखित राष्ट्रों का उल्लेख हुआ है, परन्तु इनको समीकृत नहीं किया जा सका :
अनल", अलक", अंजन'२, आरुल", आर्य" इक्ष्वाकु", उलूक", क्वाथतोष", कर्ण", कर्णाट'',
१. हरिवंश ५१२४६ २. महा ५७।८४, ६२।८६ ३. महा १६।१५४, ७१२१०, हरिवंश ४४१२६ ४. वही १६।१५२; पद्म १०१।४३ ५. रघुवंश ४।३५ ६. महा १६।१५५; हरिवंश ३।५; पद्म १०१८४ ७. वासुदेव शरण अग्रवाल-वही, पृ० ६४
पद्म ३७१२३ ६. महा ७०।७४ १०. पद्म १०१७७ ११. महा ५४१८६ १२. हरिवंश ५६१११ १३. पद्म १०१।८१ १४ वही १०१।८० १५. महा १६६ १६. पद्म १०१1८३ १७. हरिवंश ३।६ १८. वही ३१६ १६. महा १६।१५४
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