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जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन
वत्सा : मगध देश में वत्सा नामक नगरी का उल्लेख मिलता है ।" इसे वत्स - नगरी वर्णित है, जिसे कौशाम्बी से समीकृत करते हैं । २
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'वर्धमानपुर ' : डॉ० ए० एन० उपाध्ये ने वर्धमानपुर का तादात्म्य सौराष्ट्र मेंवढ़वाण से किया है, परन्तु डॉ० वी० वी० मिराशी ने अपने लेख 'लोकेशन ऑफ वर्धमानपुर मेन्शण्ड इन जिनसेनस हरिवंश' में इसका खण्डन किया है और वर्धमानपुर का तादात्म्य आधुनिक धार से पन्द्रह मील उत्तर की ओर स्थित वधनावार से किया है । डॉ० हीरा लाल जैन भी उपर्युक्त मत का समर्थन करते हैं ।
विजयपुर : पुष्कलावती देश में विजयपुर नगर का उल्लेख मिलता है ।" पद्म पुराण में जम्बूद्वीप के पूर्व विदेह क्ष ेत्र में विजयावती नगरी का वर्णन हुआ है । " कर्णा देश के मध्य में स्थित विजयनगर बीजानगर है । प्राचीन पम्पा, जिसे अब हापी कहते हैं, विजयनगर का प्राचीन नाम था ।
विन्ध्यपुरी : जिनसेन ने विन्ध्याचल पर्वत के समीप विन्ध्यपुरी नगर बताया है ।' जिनसेन के शिष्य गुणभद्र ने एक स्थान पर भरत क्षेत्र में मलय देश में विन्ध्यपुरी नगर का उल्लेख किया है, तो दूसरे स्थान पर ऐरावत क्षेत्र में गान्धार देश में विन्ध्यपुर का वर्णन किया है।" इसे मिर्जापुर में विन्ध्याचल से समीकृत किया जा
सकता है ।
विलाशपुर " : इसे मध्य प्रदेश के आधुनिक विलासपुर से समीकृत कर
सकते हैं ।
१.
२.
३.
४
महा ७५।७१
पद्म २०१४२
हरिवंश ६६ ५२, ६०।२४२
वासुदेव विष्णु मिराशी - लिटरेरी ऐण्ड हिस्टोरिकल स्टडीज़ इन इण्डोलोजी, दिल्ली, १६७५, पृ० १३६ - १४४
५.
पद्म २०।१८५, ३७६; हरिवंश ६० २३६ महा ७१।३६३
६. वही १०६ १६०, १२३।१२
७.
लाहा- वही, पृ० ३३८
महा ४५।१५३
८.
६. वही ५८ । ६३
१०. वही ६३ ६६
११.
पद्म ५५।८७
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