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जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन राजगृह : इसे कुषाग्रपुर' एवं गिरिव्रज' नाम से भी सम्बोधित किया गया है । जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र में मगध देश के अन्तर्गत राजगृह नगर विद्यमान था।' राजगह में पाँच शैल थे-ऋषिगिरि, वैभार, विपुलाचल, बलाहक तथा पाण्डुक ।' यह वर्तमान राजगिरि है, जिसे बिहार में पटना से समीकृत करते हैं। परन्तु यह मत अमान्य है । राजगृह पटना से पृथक् है ।
राजपुर : जम्बूद्वीप में वत्सकावती देश के विजयार्ध पर्वत पर राजपुर नामक नगर का उल्लेख है। अन्यत्र इसकी स्थिति हेमाङ्गद देश में कथित है। इसे कश्मीर के दक्षिण में स्थित रजौरी से समीकृत करते हैं । रजौरी जिला उत्तर में पीरपंजक पश्चिम में पुनाच, दक्षिण में भीमवर तथा पूर्व में रिहासी एवं अखनूर से घिरा है।'
रोरू : कच्छ देश में रोरू नगर का उल्लेख है ।' शतपत्र : पुष्करद्वीप सम्बन्धी विदेह क्षेत्र में शतपन नामक नगर का वर्णन
शामली : बंगाल के बर्दवान जिले में गलसी थाने के दामोदर तट के उत्तरी तट से डेढ़ मील दूर मल्लसारुल गाँव से इसका तादात्म्य करते हैं । २
शालिग्राम : मगध देश में शालिग्राम का उल्लेख है ।"
शिवमन्दिर : विजयाध पर्वत की दक्षिणी श्रेणी में शिवमन्दिर का उल्लेख है।
शुक्रम्प्रभ : जम्बूद्वीप के सुकच्छ देश में विजयाध पर्वत की उत्तरी श्रेणी में शुक्रम्प्रभ नामक नगर वर्णित है ।५
१. पद्म २।३२, ८५।६६
८. लाहा-वही, पृ० २०२ २. लाहा-वही, पृ० ४२६
६. महा ७५।११ ३. महा ५७।७०, ६१।२०, ६१८५; १०. पद्म १२३३१३२
हरिवंश २।६१ ११. वही १०८।४० ४. हरिवंश ३।५२
१२. लाहा-वही, पृ० ४३३ ५. लाहा-वही, पृ० ४२६, ४० . १३. हरिवंश १८।१२७ ६. महा ४७१७२-७३; पद्म ११८; १४. वही २१।२२; पद्म ५५८६४ हरिवंश २१८०
महा ६२१४३३ ७. वही ७५।१८८
१५. महा ६३१६१
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