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भौगोलिक दशा
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सोनपत, आमिन, करनाल तथा पानीपत सम्मिलित थे। यह उत्तर में सरस्वती एवं दक्षिण में दृषद्वती नदियों के मध्य था।
कुरु जांगल२ : महा पुराण में कहा गया है कि जम्बू देश के दक्षिण भरत क्षेत्र में वर्ण एवं आश्रमों से भरा हुआ कुरु जांगल नामक एक विशाल देश था। इसमें हस्तिनापुर नामक एक बड़े नगर का उल्लेख मिलता है । सम्भवतः कुरु और कुरुजांगल दोनों एक ही देश थे।
कूट : महा पुराण में इसकी स्थिति दक्षिण-पश्चिम में वर्णित है, जो कि बम्बई के आस-पास ज्ञात होती है।
केकय : केकय को झेलम के पास पंजाब के शाहपुर से समीकृत किया गया है।"
केरल : डॉ० सरकार के मतानुसार मलयालमभाषी समस्त भू-भाग केरल जनपद के अन्तर्गत सम्मिलित था।'
कोंकण' : शक्तिसंगमतंत्र में कोंकण के पश्चिम सौराष्ट्र तथा पश्चिमोत्तर भाभीर जनपद की स्थिति मानो गयी है।"
कोशल'२ : कोशल षोडश महा जनपदों में से एक था । यह कुरु एवं पाञ्चाल देशों के पूर्व तथा विदेह के पश्चिम में स्थित था। इसे बड़ी गण्डक विदेह से अलग
१. लाहा-वही, पृ० १७२ २. महा ६३।३४२ ३. वही ४३७४ ४. वही ४३७६; हरिवंश ३।४, ४५१६ ५. वही २६८० ६. वही १६।१५६ ७. अग्रवाल-वही, पृ० ६७; लाहा-वही, पृ० १६५
महा १६।१५४; हरिवंश ५०।१२८; पद्म १०११८१ दिनेश चन्द्र सरकार-स्टडीज़ इन द ज्योग्राफी ऑफ ऐंशेण्ट एण्ड मेडिवल
इण्डिया, नई दिल्ली, १६६०, पृ० २६, १०४ १०. महा १६।१५६ ११. शक्तिसंगमतंत्र २।७।२०, ३७१३ १२. महा १६।१५४, २६१४७, ५६।२०७; पम १०१।८३; हरिवंश ३।३, २७।६१
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