________________
जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन दारु' : डॉ० वासुदेव शरण अग्रवाल के अनुमार यह जम्बू का राज्य प्रतीत होता है।
द्रमिल' : हरिवंश पुराण में इसे द्रविड़ देश कहा गया है। यह दक्षिण भारत का द्राविड़ क्षेत्र था । ।
धवल : महा पुराण में वर्णित है कि जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र में धवल देश है।
नेपाल' : इसका प्राचीन नाम श्तोषमातकवन बताया गया है। नेपाल की सीमा पूर्व में कौशिकी नदी, पश्चिम में त्रिशूलगंगा, उत्तर में शिवपुरी (कैलाश) तथा दक्षिण में शीतल जल वाली नदी बतायी गयी है।
नलिनी : हरिवंश पुराण के अनुसार पूर्व विदेह के सीतोदा और निषध के मध्य नलिनी देश स्थित है।
पल्लव': काव्यमीमांसा में पल्लव के स्वतन्त्र अस्तित्व का ज्ञान होता है।" पल्लव नरेशों की राजधानी काञ्ची थी, जिसके उत्कर्ष में उन्होंने महान् योगदान दिया था।" पल्लव दक्षिण भारत के पूर्वी तटीय भू-भाग पर राज्य करते थे।
पद्म या पद्मावती : महा पुराण में कहा गया है कि जम्बूद्वीप के पश्चिम विदेह क्षेत्र में पद्म नामक देश है ।१२ हरिवंश पुराण में पद्म या पद्मावती की स्थिति पूर्व विदेह के सीता एवं निषध के मध्य बतायी गयी है ।" १. महा १६६१५४ २. वासुदेव शरण अग्रवाल-वही, पृ० ६१ ३. हरिवंश ५०1१२८ ४. वही ५०७३ ५. महा ६७२५६ ६. पद्म १०१।८१ ७. लाहा-वही, पृ० १६१ ८. हरिवंश. ५१२४६ ६. महा १६।१५५, ७२।१६६; हरिवंश ६३।७४ १०. काव्यमीमांसा अध्याय १७, देशविभाग, एवं परिशिष्ट २, पृ० २६ ११. उदय नारायण राय-प्राचीन भारत में नगर तथा नागरिक जीवन, इलाहाबाद
१६६५, पृ० ५३ १२. महा ७३३३१ १३. हरिवंश ५१२४६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org