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जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन ___औद्र' या औण्ड : अपदान में ओड्ड (संस्कृत ओड) और ओक्कल (संस्कृत उत्कल) जनपदों को संयुक्त रूप से प्रयुक्त किया गया है, जिन दोनों से तात्पर्य उड़ीसा के दो भागों से ही हो सकता है । युवान-च्वाङ्ग का वु-तु, अपदान का औड्ड, महाभारत का उड्र, मनुस्मृति का ओड्र, प्लिनी का ओरितिस, तारानाथ का ओडिविश (संस्कृत ओद्रविषय) एक ही देश को सूचित करता है । यह जनपद उड़ीसा में ही था ।'
उरे : उड़ जनपद का उल्लेख उपर्युक्त औण्डू या औद्र जनपद के साथ हुआ है। उड़ को उड़ीसा के एक खण्ड से समीकृत किया जा सकता है।
उत्तरकुरु' : दीपवंस में वर्णित कुरुदीप को उत्तरकुरु से समीकृत किया जा. सकता है । ललितविस्तर में उत्तरकुरु को एक प्रत्यन्तद्वीप कथित है ।'
.. उशीनर' : पाणिनि ने उशीनर को वाह्लीक जनपद बताया है। महाभारत में शिवि को उशीनर का राजा बताया गया है।
___ उशीरावर्त : उशीरावर्त देश में ताम्रलिप्ति की स्थिति हरिवंश पुराण में वर्णित है ।" यह सम्भवतः पश्चिमी बंगाल में रहा होगा।
ककुश' : अधिकांश विद्वानों ने ककश जनपद के पूर्वाञ्चल को बिहार की दक्षिणी सीमा शाहाबाद से समीकृत किया है।"
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१. महा २६७६ २. वही २६७१ ३. भरत सिंह उपाध्याय-वही, पृ० ४६७-४६८ ४. महा १६।१५२ ___ एपीग्राफिका इण्डिका, जिल्द ८, पृ० १४१, जिल्द ३, पृ० ३५३
महा ५/६८ ७. लाहा-ज्योग्राफिकल ऐसेज रिलेटिंग टू ऐशेण्ट ज्योग्राफी ऑफ इण्डिया;
दिल्ली, १६७६, पृ० २२५ ८. महा १६:१५३, २६४२; पद्म १०१।८२ ६. अष्टाध्यायी ४।२।११७-११८ । १०. महाभारत ३।१६४।२, ७।२८।१ ११. हरिवंश २१७५-७६ १२. महा २६१५७ १३. नेमि चन्द्र जैन-आदि पुराण में प्रतिपादित भारत, पृ० ५०
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